नागदा जं. निप्र- बचपन से लगाकर पचपन तक प्रत्येक मानव की केवल एक ही प्रबल इच्छा या कामना होती है कैसे भी गलत एवं सही तरीको को अपनाकर येन केन प्रकरण मेरा धन कैसे बढ़े एवं उस धन से मेरे पास एक बहुत बडा बंगला हो, बंगले के बाहर लान में एक बडी कार हो। यह इच्छा या भावना कब पूरी होगी यह आपके कर्मो पर निर्भर है। अगर अशुभ कर्मो का फल चल रहा है तो अन्त समय तक भी इच्छा पूर्ति नहीं होगी।
यह बात महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा में महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कही। गुरूदेव ने आगे कहा कि यह सब कर्मो का खेला है। महासति काव्याश्रीजी म.सा. ने कहा कि जिस प्रकार धरती लगातार गोल घूमती रहती है उसी प्रकार बचपन जवानी बुढ़ापे का चक्र भी चलता रहता है और लगातार चल रहा है। महासति काव्याश्रीजी एवं नाव्याश्रीजी ने सामुहिक स्तवन पर्युषण महापर्व पर सभी को भावनाओं से भर दिया। धर्मसभा में महासति दिप्तीश्रीजी, महासति सौम्याश्रीजी, महासति वैभवश्रीजी सहित ठाणा 6 उपस्थित थे।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि अन्य शहरों से पधारे गुरूभक्तो के अतिथि सत्कार की व्यवस्था श्री चन्द्रपकाशजी, दिलीपकुमारजी कांठेड द्वारा की गई। तेले की लड़ी श्रीमती रचना चपलोत की थी। आज का ड्रेस कोड नीला था। धर्मसभा की प्रभावना श्री कमलजी अक्षतजी जैन सिसोदिया परिवार ने वितरीत की। संचालन अरविन्द नाहर ने किया एवं आभार प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।
दिनांक 26/08/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला