जैन संस्कार विधि द्वारा समायोजित रक्षाबंधन का बताया गया डेमो
टीपीएफ नवगठित टीम का हुआ शपथग्रहण
रिश्तों में मिठास भरने में सहभागी बनते है त्योहार। अपनत्व की भावधारा को जागृत करते है त्योहार।सहआस्तित्व का जागरण करते है त्योहार – उपरोक्त विचार तेरापंथ सभा भवन में रक्षाबंधन पर्व पर साध्वी अणिमाश्री ने कहे।
साध्वीश्री ने विभिन्न रक्षा सूत्रों की अवगति दिराते हुए कहा कि ऋजुर्वेद में गुरू-शिष्य रक्षा सूत्र, वृक्ष रक्षा सूत्र, गौ रक्षा सूत्र इत्यादि के साथ भातृ रक्षा सूत्र का उल्लेख आता है। भातृ रक्षा सूत्र में जहां बहन भाई के प्रति मंगलकामना करती है, वही भाई बहन की रक्षा का संकल्प करता है, निभाता है। द्वापद युग की चर्चा करते हुए साध्वीश्री ने बताया की वचनबद्ध श्रीकृष्ण शिशुपाल की 99 गलतियों को क्षमा कर 100वीं गलती के वध के समय अगूंठे से खून निकलने पर अपनी साड़ी के पल्लू को फाडकर द्रौपदी ने श्रीकृष्ण के पट्टी की थी, तो श्रीकृष्ण ने चीरहरण के समय द्रौपदी के शील की रक्षा की थी।
“एक राखी हमारे नाम” विषयागंत प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा कि पैसों के साथ जहां प्रेम, वात्सल्य होता है, उस परिवार का वातावरण शान्त, प्रसन्नचित्त रहता है, वह घर मन्दिर के समान होता हैं। परिवारों में बिखराव के अनेकों निमित्त मिल सकते है, लेकिन जो व्यक्ति अपनी भावधारा को निर्मल रखता है, भ्रान्ति के समय संवाद से निराकरण कर लेता है, वह वर्तमान में खड़ा रह, अतीत को आलौकित कर सकता है, भविष्य को उज्जवल बना सकता है। रक्षाबंधन के महान पर्व पर जिन भाई-बहन के बीच कुछ भी किन्तु-परन्तु, कहां-सुनी है, उसको मिटा कर आगे बढ़ना चाहिए। यह रक्षाबंधन हमारी आत्मा की रक्षा करने वाला बने।
अभातेयुप द्वारा रक्षाबंधन के पर्व को जैन संस्कार विधि द्वारा मनाये जाने पर कहां कि हर व्यक्ति जीवन में मंगल चाहता है। जैन संस्कार विधि हमारे संस्कारों का संवर्धन करने वाली सात्विक विधि है।
नवगठित तेरापंथ प्रोफेशनल फॉर्म की टीम के शपथ ग्रहण पर कहा कि प्रोफेशनल लोग अपने सुनियोजित, समयबद्ध कार्ययोजना से संघ-संगठन के विकास में सहभागी बने। नये संघ सेवकों की खोज के साथ पुरानो को भी सक्रिय बनाए।
साध्वी सुधाप्रभा ने धर्म सभा को आध्यात्मिक राखी अपनाने के आह्वान के साथ साध्वीवृन्द ने भावपूर्ण संगीत का संगान किया।
इससे पूर्व तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा जैन संस्कार विधि द्वारा रक्षाबंधन मनाने का डेमो बताया गया। मंगलाचरण अभातेयुप जैन संस्कार स्वरूप चन्द दाँती ने किया। स्वागत एवं आभार ज्ञापन मंत्री संतोष सेठिया ने किया। अभातेयुप जैन संस्कार पदमचन्द आंचलिया, स्वरूप चन्द दाँती ने मंगलमंत्रोच्चार के साथ प्रायोगिक रुप से रक्षाबंधन मनाने का बताया। सहभागी बहनों ने भाईयों के तिलक कर हाथों में रक्षासूत्र बांधें। महिला मण्डल अध्यक्षा पुष्पा हिरण, हेमलता नाहर ने संस्कारों के तिलक और रक्षासूत्र बांधें। संस्कारक गजेन्द्र खांटेड़, संतोष सेठिया ने सहयोगी की भूमिका निभाई। सभी ने साध्वीश्री को वन्दना कर मंगल आशीर्वाद लिया।
टीपीएफ के नवमनोनित अध्यक्ष राकेश खटेड़ ने अपने आगामी कार्यकाल में करणीय कार्यों की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए अपनी टीम की घोषणा की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश नाहर ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। निवर्तमान अध्यक्ष डॉ सुरेश सकलेचा ने नवीन टीम को बधाई के साथ कार्यभार सौपा। दक्षिण भारतीय अध्यक्ष श्री दिनेश धोका ने टीपीएफ के चारसूत्रीय आयामों का उल्लेख किया। सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड़, निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड़, तनसुखलाल नाहर, राकेश खटेड़, संतोष सेठिया ने एकासन मासखमण तपस्वी माँ-बेटा ललिता एवं चेतन कोठारी का साहित्य द्वारा सम्मान किया। महिला मण्डल ने रक्षाबंधन पर प्रेरणादायक सुन्दर लघु नाटिका प्रस्तुत की।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई