आज रविवार 5 नवम्बर 2023 को रत्नवंश के प्रथम आचार्य पूज्यश्री गुमानचंद्रजी म.सा का स्मृति दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में जप-तप-त्याग पूर्वक सामायिक स्वाध्याय दिवस के रुप मे मनाया गया | लीलमचन्दजी बागमार, गौतमचंदजी मुणोत ने श्री गौतममुनिजी म.सा द्वारा रचित प्रभु महावीर की अंतिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र के नवमें अध्ययन नमि प्रव्रज्या अध्ययन की सुन्दर रागपूर्वक स्तुति की | कांतिलालजी तातेड़ रुपराजजी सेठिया ने महावीर चालीसा की स्तुति की |
श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने जोधपुर में अखेराजजी – चैनाबाई के यहां जन्में गुमानचंद्र का बाल्यकाल व माताश्री के वियोग हो जाने पर मेडता में कुशलचंद्रजी म.सा के पास वैराग्य को प्राप्त करने के पश्चात अपने पिताश्री के संग दीक्षा लेने वाले रत्नवंशीय प्रथम आचार्य गुमानचंद्रजी म.सा के चारित्रमय जीवन परिचय पर प्रकाश किया | वे कुशल पारखी व सुतीक्ष्ण बुद्धि के धनी थे | बाल्य वय में दीक्षित होने के पश्चात व्याकरण, संस्कृत,साहित्य व आगमों का अध्ययन करने वाले आचार्यश्री ने शुद्ध वीतराग धर्म की परुपणा व प्रचार किया |
श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष ने गुणगाण करते हुए बताया कि आपके बारह शिष्य रत्नों में दौलतरामजी म.सा,प्रेमचंदजी म.सा, लक्ष्मीचंदजी म.सा, ताराचंदजी म.सा दुर्गादासजी म.सा रतनचंद्रजी म.सा आदि थे | आपने अपने चरित्रमय जीवन मे अनेक वर्षों तक एकान्तर उपवास बेले-बेले की तपस्या की | आपने संवत 1814 में राजस्थान के भोपालगढ़ ( बडलू )में चौदह सन्तों के संग चरित्र की विशेष शुद्धि हेतु 21 नियम बनाते हुए क्रियोद्वार किया | आपका नाम क्रियोद्वारक के रुप मे चिरकाल के लिए स्थायी हो गया |
सम्वत 1858 कार्तिक कृष्ण अष्ठमी के दिन मेडता नगर में चार प्रहर के संथारे पूर्वक आपका देवलोकगमन हो गया | इस प्रसंग पर स्वाध्याय भवन में अनेक श्रदालुओं की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | जीवन व जैन संकल्प,त्याग प्रत्याख्यान, सामुहिक नियम व मंगल पाठ के पश्चात तीर्थंकरों, आचार्यों,उपाध्याय, भावी आचार्यश्री,साध्वी प्रमुखा, समस्त चरित्रआत्माओं की जयजयकार के साथ पुण्यतिथि कार्यक्रम सुसम्पन्न हुआ |
# प्रेषक : श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु 24 /25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट चेन्नई