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पुरुषादानी पुरुषोत्तम पार्श्वनाथ -मुनि श्री अर्हतकुमार

पुरुषादानी पुरुषोत्तम पार्श्वनाथ -मुनि श्री अर्हतकुमार
  • पार्श्वनाथ जन्मकल्याणक पर जप-तप से की स्तुति
  •   जैन धर्म की तीर्थंकर परम्परा में 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जन्मकल्याणक का आयोजन मुनिश्री अर्हतकुमारजी के सान्निध्य में एमपी रेजिडेंसी कुम्भकोणम में मनाया गया।
  •    आराध्य देव की स्तुति करते हुए मुनिश्री अर्हतकुमार ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान पार्श्वनाथ का पावन नाम चिंतामणि रत्न समान कामित फलदाता है, कल्पवृक्ष के समान सुख -संपत्ति का विस्तार करने वाला है और तीर्थ के समान आत्मा को शुद्ध-बुद्ध बना जन्म -मरण का संताप मिटाने वाला है।
  • मुनिश्री ने आगे कहा कि महाराज अश्वसेन की महारानी वामादेवी को 14 महास्वप्न द्वारा सुचित कर पौष वदी दशम को भगवान पार्श्वनाथ धरती पर छाये अज्ञान के अंधकार का हरण करने प्रकाश किरण के रूप में अवतरित हुए। जन्म से ही तीन ज्ञान के धारक भगवान पार्श्व ने बाल्यवस्था पार कर योवनावस्था मे माता-पिता की इच्छा का सम्मान कर, प्रभावित हो कर राजकुमारी से शादी की। कमठ तापस के अज्ञान तप का विरोध कर लोगों को ज्ञान की नई राह दिखाकर राजकुमार पार्श्व संयम की ओर अग्रसर हुए। भगवान पार्श्वनाथ का संयममय जीवन बोलता जीवन था। भगवान पार्श्वनाथ क्षमाशूर थे। उन्होंने स्नेह सौहार्द की प्रतिमान धारा प्रवाहित की। वे अहिंसा और करुणा से ओत:प्रोत प्रभावित। आज भगवान पार्श्वनाथ के जन्म कल्याणक दिवस पर हमें पारसप्रभु का ध्यान कर अपनी आत्मा को पारस बनाना है। पारस पत्थर लोहे को सोना बनाता है, पर यह पारस हमारी आत्मा को परमात्मा का अभिनव रूप दे देगा। हम भी भगवान पार्श्व की भक्ति में शक्ति नियोजित कर, अंतर अनुरक्ति जगा कर, स्वयं को प्राप्त करने का प्रयास करें।
  • http://https://youtu.be/hl6Wpk_NokY
  •   मुनि भरतकुमार ने अपने चित परिचित लहेजे में कहा भगवान पार्श्वनाथ का जाप, मिटाता भव संताप, नहीं रहता कोई ताप, कट जाते हैं सारे पाप। बाल संत मुनि जयदीपकुमार ने भगवान पार्श्व पर गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल ने सामूहिक गीत की प्रस्तुति दी। उपस्थित जन समुदाय ने पार्श्वनाथ की स्तुति में जप-तप से स्तवना की। श्री धर्मीचन्द छल्लाणी ने बताया कि नववर्ष 2022 की प्रभात वेला में मुनिवृंद और साध्वीश्री उज्ज्वलप्रभाजी के सान्निध्य में वृहद मंगल पाठ, मंगल मंत्रोच्चार का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर चेन्नई, मधुराई, सिरकाली, विल्लुपुरम इत्यादि अनेकों क्षेत्रों के साधार्मिक बंधु उपस्थित रहेंगे।
  •             स्वरुप चन्द दाँती
  •           प्रचार प्रसार प्रभारी
  • श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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