क्रमांक – 25
. *तत्त्व – दर्शन*
*🔹 तत्त्व वर्गीकरण या तत्त्व के प्रकार*
*👉जैन दर्शन में नवतत्त्व माने गये हैं – जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आस्रव, संवर, निर्जरा, बन्ध, मोक्ष।*
*🔅 अजीव तत्त्व*
*✨अजीव के प्रकार*
*♦️पुद्गलास्तिकाय*
*⚡पुद्गल द्रव्य चार प्रकार का माना गया है -1. स्कन्ध, 2. देश, 3. प्रदेश, 4. परमाणु।*
*〽️1. स्कन्ध –*
*👉 स्कन्ध एक इकाई है। दो से लेकर अनन्त परमाणुओं के समूह को स्कन्ध कहते हैं। दो परमाणुओं के मिलने से द्विप्रदेशी स्कन्ध बनता है। दस परमाणुओं के मिलने से दसप्रदेशी स्कन्ध बनता है। संख्येय परमाणुओं के मिलने से संख्येय प्रदेशी, असंख्येय परमाणुओं के मिलने से असंख्येय प्रदेशी तथा अनन्त परमाणुओं के मिलने से अनन्तप्रदेशी स्कन्ध बनते हैं। अनन्तानन्त प्रदेशी स्कन्ध ही हमारी दृष्टि के विषय बनते हैं। प्रदेशी स्कन्ध सूक्ष्म होने के कारण हमारी दृष्टि के हैं। संख्येय असंख्येय विषय नहीं बनते हैं।*
*〽️2. देश –*
*👉 स्कन्ध का बुद्धि कल्पित एक विभाग देश कहलाता है। जब हम कल्पना करते हैं कि यह इस पेन्सिल का आधा भाग है या यह इस पुस्तक का एक पृष्ठ है, तब वह उस समग्र स्कन्ध रूप पेन्सिल या पुस्तक का एक देश कहलाता है। देश स्कन्ध से पृथक् नहीं होता। पृथक् होने पर वह देश नहीं रहता, स्वतंत्र स्कन्ध बन जाता है।*
*क्रमशः ………..*
*✒️ लिखने में कोई गलती हुई हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं।*
विकास सेठिया।