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   पुण्य पाप की फलश्रूति बहोत कुछ है: आगमश्रीजी म.सा.

   पुण्य पाप की फलश्रूति बहोत कुछ है: आगमश्रीजी म.सा.

 श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने कहां महा पुण्योदय से शासन मिला, इस शासन में क्या-क्या है यह पूछना ही नहीं है। इसमें नौ तत्वों का अद्भुत खजाना है। कर्मों की बेजोड़ फिलॉसाफी, आत्मा परमात्मा के स्वरूप की जानकारी है। पुण्य पाप की फलश्रूति बहोत कुछ है पर हमें ज्यादा से आगे बढ़ना है।

प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने बताया इसे इबादत करें, बगावत नहीं। इंसान की जिंदगी बंदगी करने के लिए मिली है, गंदगी फैलाने के लिए नहीं। मंत्री हस्तीमल बाफना ने अभिवादन किया। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने संचालन ने किया।

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