चेन्नई. मनुष्य के पुण्य का कार्य उसके बुढ़ापे तक काम आने वाला है। दुनिया में हर वस्तु की चोरी की जा सकती है लेकिन पुण्य ऐसा है जिसे चुराया नहीं जा सकता। इसको सिर्फ मेहनत कर अच्छे कर्म से प्राप्त किया जा सकता है।
वड़पलनी जैन भवन में साध्वी सुमित्रा ने प्रवचन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर गुरु अपने शिष्य से प्रसन्न होते हैं तो उसे अपना ज्ञान दे देते हैं लेकिन पुण्य का अर्जन स्वयं ही करना होता है। पुण्य किसी से मांगा या चुराया नहीं जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार लिखे हुए ज्ञान या ग्रंथ की चोरी हो सकती है लेकिन पुण्य की चोरी कभी संभव नही होती। इसके लिए मनुष्य निश्चिन्त होकर रह सकता है।