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ज्ञान वाणी

पाप मिटाने के लिए धर्म करना जरूरी: साध्वी धर्मलता

पाप मिटाने के लिए धर्म करना जरूरी: साध्वी धर्मलता

चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा पाप मिटाने के लिए धर्म करना जरूरी है। जब तक विषयों में मस्ती, कषायों से दोस्ती होगी तब तक धर्म में सुस्ती रहेगी। विषय-कषाय पतन के गर्भ में धकेलने वाले हैं।

विषयों के बजाय धर्म की मस्ती में लगने से ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। जब भी अशुभ कर्मों का उदय हो तो समझ लें पुराना कर्जा उतरने वाला है। सहना है तो कहना क्यों? भोगना है तो भागना क्योंï? क्योंकि आप ट्रेन और प्लेन से चलते हैं। अत: धर्मक्रिया करने से पहले हमारे मन में अहोभाव और धर्म करते समय आनंद और उत्साह तथा धर्म कररे के बाद अनुमोदना के भाव हों।

धर्म की सुस्ती दूर करनी हो तो समझ, शक्ति और समय का सदुपयोग करें। भगवान ने हमें रात-दिन के २४ घंटे दिए हैं इसमें हमें २४ मिनट तो धर्म के लिए निकालनी ही चाहिए। साध्वी ने कहा जीवन में धर्म का पैमाना जानना जरूरी है।

क्रोधादि कषाय अंगार, विषय सुख भंगार एवं क्षमादि गुण कसार की तरह मीठे लगे, तो समझ लें जीवन में धर्म उतर आया है। साध्वी अपूर्वाश्री ने कहा घर के आंगन में यदि सुख के फूल खिलाने हैं तो बाहरी वस्तुओं से हटकर अंतर को जाग्रत करना होगा। हमें जहरीले व्यक्ति को बदलना है तो अमृत रूपी शब्दों की वर्षा करें। दूसरों को जोडऩे के लिए प्रेम एवं शांति की जरूरत है।

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