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पर्यूषण का अंतिम कर्तव्य चैत्य परिपाटी: आचार्यगण मुक्तिप्रभ सूरी एवं विनीतप्रभ सूरी

पर्यूषण का अंतिम कर्तव्य चैत्य परिपाटी: आचार्यगण मुक्तिप्रभ सूरी एवं विनीतप्रभ सूरी

चेन्नई. श्री सुमतिनाथ भगवान जैन श्वेताम्बर तपागच्छ (चर्तु:) मूर्तिपूजक संघ ट्रस्ट के तत्वावधान एवं आचार्यगण मुक्तिप्रभ सूरी एवं विनीतप्रभ सूरी के सान्निध्य में रविवार को पर्यूषण का अंतिम कर्तव्य चैत्य परिपाटी उत्सव मनाया गया।

आडम्बर सहित विभिन्न मंदिरों दर्शन के लिए जो शोभायात्रा निकाली जाती है। उसे चैत्य परिपाटी कहा जाता है। इस मौके पर रायपुरम संघ ट्रस्ट द्वारा चैत्य परिपाटी निकाली गई। इसके तहत कोंडीतोप, एसपीआर व धोबीपेट आदि स्थानों से परिभ्रमण करते हुए सामूहिक रीति-रिवाज से पांच मंदिरों में दर्शन किए गए।

चैत्य परिपाटी में करीब साढ़े तीन सौ श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यात्रा समाप्ति से पहले आयोजित समारोह में सभी ने एक-दूसरे से क्षमायाचना की। इसके बाद साधु-साध्वियों के समक्ष क्षमायाचना की गई।

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