आज बुधवार दिनांक 31 अगस्त 2022 को स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु के तत्वावधान में पर्युषण पर्व भादप्रद शुक्ल चतुर्थी के अवसर पर भावी आचार्य पूज्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा का द्वितीय भावी आचार्य पद दिवस जप-तप-त्याग पूर्वक सामायिक साधना दिवस के रुप में मनाया गया |
श्रावक संघ तमिलनाडु के प्रचार प्रसार सचिव आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने भावी आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा के चरित्रमय जीवन का परिचय देते हुए पीपाड़ में पूज्य आचार्य श्री हीराचंद्रजी म.सा के मुखारविन्द से भावी आचार्य की घोषणा के दृश्य शब्दों के माध्यम से सुनाया | आपका जन्म सूर्यनगरी जोधपुर में श्री पारसमलजी-श्रीमती सोहनकवरजी लोढा के यहां 8 अगस्त 1954 को हुआ इक्कीस वर्ष की वय में आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा के पास उम्मेद स्टेडियम जोधपुर में दीक्षित हुए | भावी आचार्यश्री के वैराग्य संयममय जीवन में रही हुई विशिष्टताओं का वर्णन करते हुए बताया कि महान अध्यवसायी श्रदेय श्री महेन्द्रमुनिजी म.सा का जीवन संघ का संचालन करते हुए स्व व पर कल्याण में प्रति पल लीन हैं | इस वर्ष परमाराध्य आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचंद्रजी म.सा भावी आचार्य पूज्य श्री महेन्द्रमुनिजी म.सा का चातुर्मास भावी आचार्यश्री की जन्मभूमि महामन्दिर,जोधपुर में अनेकानेक उपलब्घियों पूर्वक गतिमान हैं |
श्रीअंतकृतदशा सूत्र के आठवे वर्ग के मूल पाठ का वांचन स्वाध्यायी सुश्री झीनलजी छाजेड़ ने किया | श्रीमती मधुजी,जयश्रीजी चोरडिया,झीनलजी छाजेड़, राखीजी सांखला,प्रियाजी मुथा,बसंतीदेवीजी कर्णावट, सुबिताजी सुराणा ने श्रेणिक महाराजा की काली,सुकाली आदि दस रानियों के दीक्षित हो आर्या चंदनबाला के पास रत्नावली, कनकावली,लघुसिंह निष्क्रीडिततप,वर्द्धमान आयम्बिल तप आदि विभिन्न तप करते हुए संलेखना- संथारे सहित सिद्ध-बुद्ध-मुक्त होने का विस्तारपूर्वक विभिन्न तपों की क्रियाओं का पूर्ण विवरण सहित चित्रण किया | जिनेन्द्रजी सांखला ने अर्जुनमाली अणगार का जीवन चरित्र प्रस्तुत किया | शान्तनुजी कर्णावट ने आचार्य हस्ती का उपकार मानते हुए क्षमा पर्व पर स्वरचित गीतिका सुनाई श्रीमती संगीताजी बोहरा ने कहा कि जैन- वैदिक आदि विभिन्न दर्शनों में क्षमा के महत्व को बताया गया,क्षमा के विभिन्न उद्दरणों को प्रवचन सभा में रखा | जैन धर्म मे क्षमा वीरस्य भूषनम बताया हैं |
प्रवचन सभा में मैनाबाईजी बैद, सुधाजी सुराणा,शोभादेवीजी कर्णावट बसंतीदेवीजी कर्णावट प्रकाशदेवीजी बोथरा, मनीषाजी कांकरिया,नीतुजी चोरडिया,अक्षिताजी कांकरिया, जयश्रीजी चोरडिया,कवलियादेवीजी बागमार, राखीजी सांखला, लीलादेवीजी ओस्तवाल, सुबीताजी सुराणा, प्रियंकाजी सुराणा,श्रीमती जबरचंदजी बोथरा,श्रीमती वीरेन्द्रजी ओस्तवाल,श्रीमती रतनलालजी बाफना श्री शान्तनुजी कर्णावट, तनीषजी कर्णावट,जयेशजी कर्णावट, जिनेन्द्रजी सांखला,अम्बालालजी कर्णावट,गणपतराजजी बाफना, सूर्यप्रकाशजी चोरडिया,महावीरजी कर्णावट,प्रीतमजी बांठिया श्री रिखबचंदजी गौतमचंदजी बागमार श्री जितेन्द्रजी डाकलिया सहित अनेक श्रावक श्राविकाओं की सामायिक परिवेश में उपस्थिति प्रमोदजन्य रहीं |
प्रवचन सभा में सामायिक परिवेश में उपस्थित श्रद्धालुं श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास- एकासन आदि व्रत-नियमों के प्रत्याख्यान किये | बालक प्रीतम बांठिया ने तेले तप व दस वर्ष के बालक तनीष व आठ वय के बाल जयेश ने उपवास तप के प्रत्याख्यान किये | सामूहिक नियम व अनेक धारणा के प्रत्याख्यान के पश्चात वरिष्ठ स्वाध्यायी सुश्रावक श्रीरुपराजजी सेठिया ने मंगल पाठ सुनाया | श्रमण भगवान महावीर, तीर्थंकरों,आचार्य भगवन्तों, भावी आचार्य,उपाध्याय भगवन्त, साध्वी प्रमुखा महासतीजी व चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ पर्युषण संवत्सरी महापर्व भादप्रद शुक्ल चतुर्थी भावी आचार्य पद तिथि को पांच-पांच सामायिक की साधना- आराधना सहित मनाया गया |
प्रेषक :-
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु
पता :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट, चेन्नई 600 001 तमिलनाडु.