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पर्युषण पर्व प्रारंभ हुए

पर्युषण पर्व प्रारंभ हुए

सूर्य की पहली किरण के साथ अष्टदिवसीय महामंत्र नवकार के जाप के साथ श्रमण संघीय स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के पर्युषण पर्व प्रारंभ हुए। चार्तुमास हेतु विराजित दिवाकर भवन पर मेवाड़ गौरव प्रखर वक्ता पूज्य गुरुदेव रविंद्र मुनि जी महाराज साहब के मुखारविंद से अंतगढ़ दशांग सूत्र का वाचन प्रातः 8:30 बजे प्रारंभ हुआ।

सैकड़ो की संख्या में समाजजन ने जिनवाणी श्रवण करने का लाभ लिया शास्त्र वाचन के पश्चात प्रवचन के माध्यम से गुरुदेव ने फरमाया कि धर्म स्थान पर आने के लिए हमें धार्मिक उपकरणों को साथ में लाना चाहिए ना की कीमती चीजों को। हमें वस्तुओं से हटकर हमें धर्म के प्रति आस्था प्रभु की आराधना में मन लगाना चाहिएl अधिक से अधिक हमें नियम एवं व्रत को धारण करना चाहिए व्यसनों को त्याग करते हुए जिनशासन के मार्ग पर चलकर तप त्याग ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिएl पर्युषण पर्व मे हम जितना हो सके उतना पाप व्यसनो से दूर रहकर कर्म को क्षय करने का लक्ष्य रखें।

पाप वृत्तिया दिन प्रतिदिन उम्र के साथ बढ़ रही है पर्यूषण पर्व में तो हम धर्म आराधना करते हुए आठ कर्मों के बंध को समाप्त करना है आठ कर्मों में प्रथम में है क्रोध। क्रोध की भावना जब हमारे मन में उत्पन्न होती है, तो यह हमारे विचारों और व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। किसी भी अवस्था में क्रोध के परिणाम अच्छे नहीं होते। क्रोध मनुष्य को अन्दर से खोखला कर देता है क्रोध से भरपूर होने पर, हम अकसर अपने परिवार और दोस्तों के साथ संबंधों में बिगड़ सकते हैं, जिससे उनमें दूरियां बढ़ सकती है। क्रोध आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है,

 आज डिप्रेशन और अधिक तनाव का कारण भी यही है। यह समाजिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जब हमें क्रोध आवे तब किसी प्रकार का निर्णय हमें नहीं लेना चाहिएl

क्रोध के इन दुष्परिणामों से बचने के लिए, योग और ध्यान जैसी तंत्रों का प्रयास कर सकते हैं, और अपने व्यक्तिगत जीवन में समझदारी और संयम बनाए रखने का प्रयास कर सकते हैं। उपरोक्त जानकारी देते हुए श्रीसंघ अध्यक्ष इंदरमल टुकड़िया कार्यवाहक अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीमाल ने बताया कि बालिका मंडल द्वारा कर्मों पर आधारित नाटिका का सुंदर मंचन दिवाकर भवन पर किया गया ताल निवासी जिनशासनरत्न श्रीमान प्रकाश जी पिपलिया ने 73 उपवास की प्रत्याख्यान गुरुदेव से लिए।

पर्युषण महापर्व में पुरुषों का प्रतिक्रमण दिवाकर भवन एवं महिलाओं का प्रतिक्रमण सोमवारिया स्थित रंगुजी स्थानक एवं चौपाटी स्थित केसर कस्तूर स्वाध्याय भवन पर होगा। प्रभावना का लाभ समाजरत्न श्रीमान बसंतीलाल धनसुख चोरड़िया परिवार एवं श्रीमति सूरजबाई संपतबाई सोहनदेवी मेहता परिवार ने लिया, धर्म सभा का संचालन महामंत्री महावीर छाजेड़ ने किया, आभार श्रीसंघ उपाध्यक्ष विनोद ओस्तवाल ने मानाl

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