चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा मनुष्य के जागने का समय आ गया है। वर्तमान में लोग बाहर से तो जाग रहे हैं लेकिन अंतरात्मा से नहीं जाग रहे। यही कारण है कि धर्म के कार्य करने के बाद भी साफलता नही मिल रही है।
अनंत काल से मोह माया के अंदर मनुष्य ने बहुत समय गवाया है पर अब जाग कर बचे हुए समय को परमार्थ में लगा देना चाहिए। पर्यूषण आ गया है अब मन के मैल को साफ करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोई हुई आत्मा को जगाने के लिए यह पर्व आता है जो मानव आत्मा को जगा लेगा उसका कल्याण हो जाएगा।
जो नही जगा पाएगा उसका समय आगे भी व्यर्थ हो जाएगा। परमात्मा महावीर कहते हैं कि यह अवसर बहुत ही महान लोगों को मिलता है। अगर इस अवसर का लाभ ले लिया जाए तो जीवन के अंधकार में भटकना नहीं पड़ेगा।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सुअवसर का इंतजार करते हैं और मौका मिलते ही उसका लाभ लेकर जीवन का कल्याण कर लेते हैं लेकिन कुछ लोग अवसर के बाद भी कर्मो की निर्जरा नहीं कर पाते। याद रहे अवसर गया तो फिर से नहीं आएगा। संसार रूपी वेदना को सहन करने के बजाय पर्यूषण पर्व में शुद्धिकरण कर लेना चाहिए।
अवसर सबको एक समान मिला है जो इनका फायदा उठाएंगे उनका जीवन सफल हो जाएगा। इस आठ दिन सामयिक और प्रतिक्रमण करने के दौरान किसी की आलोचना नही करनी है तभी ये पर्वराज पर्यूषण सार्थक हो पायेगा। अगर इस दौरान भी अन्य दिनों जैसी निंदा और आलोचना की गई तो कुछ लाभ नहीं मिलेगा।
जीवन को सफल बनाना है तो इस पर्व पर सच्चे मन से खुद की आत्मा का शुद्धिकरण करें। बंद कर्मो की निर्जरा करने वालों का जीवन सुखद बनेगा।