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ज्ञान वाणी

पर्यावरण की सुरक्षा में ही है स्वयं की सुरक्षा: जयधुरंधर मुनि

एमसी रोड स्थित जैन स्थानक में विराजित जयधुरंधर मुनि ने कहा  वर्तमान युग की सबसे ज्वलंत समस्या है पर्यावरण सुरक्षा। पर्यावरण दूषित होने पर धरती पर रहने वाले सभी जीवो का अस्तित्व खतरे में आ जाता है।
अतः पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि पर्यावरण की सुरक्षा में ही जीव की स्वयं की सुरक्षा निहित है। वातावरण दूषित एवं कलुषित होने के कारण आज अस्थमा कैंसर आदि अनेक बीमारियां बढ़ती जा रही है।पर्यावरण पर ही यह संपूर्ण विश्व टिका हुआ है । मनुष्य को कभी भी प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए ।
प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने के कारण ही अनेक प्राकृतिक आपदाएं उपस्थित हो रही है । संपूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से ग्रस्त होता जा रहा है।प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी विकृति नहीं आती। यही हमारी संस्कृति का मूल आधार है । क्षणिक स्वार्थ के लिए यदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
भगवान महावीर ने कहा है वनस्पति पेड़ पौधे वृक्ष आदि में भी मनुष्य के समान ही चेतना होती है । अतः उन्हें अनावश्यक रूप में काटना एवं छेदन भेदन नहीं करना चाहिए। वृक्ष से ही पर्यावरण का संतुलन बना रहता है । संसार में सभी प्राणियों को एक समान जीने का अधिकार प्राप्त है।
अतः किसी भी प्राणी को मारने पर सारा संतुलन बिगड़ जाता मुनि ने कहा कि भगवान द्वारा प्ररूपित अहिंसा के सिद्धांत को अपनाने से स्वत: ही पर्यावरण की सुरक्षा हो जाती है। भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान में भी अत्यंत प्रासंगिक सिद्ध हो रहे हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी में जागृति की लहर व्याप्त कर एक नवीन क्रांति का बिगुल बजाना होगा। मुनि वृंद सात मई तक यही विराजेंगे।

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