“लाखों लोगों का कल्याण हुआ है कृष्णगिरी शक्तिपीठ तीर्थधाम में”
श्रावणी अमावस्या के दिन हजारों जरूरतमंदों को राशन किट महादान करने के निशुल्क टोकन का हुआ वितरण
कृष्णगिरी। व्यक्ति को दानी, गुणी, ज्ञानी व संस्कारी बनाना संतों का भी महत्वपूर्ण काम है। सच्ची सहानुभूति दुनिया में नहीं है, इसीलिए गुरु चाहिए। घरवालों के अलावा विश्वास के साथ ईश्वर एवं गुरु को अपना माने तो इस दुनिया में किसी के लिए कुछ भी प्राप्त करना असंभव नहीं है। यह विचार श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, यतिवर्य परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने मंगलवार को यहां व्यक्त किए। कलयुग में साक्षात चमत्कारिक एवं विश्व विख्यात श्रीपार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ तीर्थधाम में अष्ट दिवसीय श्री भैरवदेव महापुराण कथा, अभिषेक एवं यज्ञ महोत्सव में डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि कृष्णगिरी श्री पार्श्वपद्मावती एवं भैरवदेव की अनंत कृपा प्रदान करने का शक्ति पीठ तीर्थधाम है, यहां से लाखों नहीं करोड़ों लोगों का कल्याण हुआ है। प्रसंगवश पूज्य गुरुदेवजी ने कहा कि देवी देवताओं की कृपा सीधे रूप में प्रदान करने के लिए ही डॉ वसंतविजय महाराज का जन्म हुआ है। इस दौरान उन्होंने भारत एवं भारतवासियों के संस्कारवान बनने के लिए दुनिया की बजाय शास्त्रों की देखा देखी अर्थात शास्त्रोक्त चीजों को आचरण में लाने की प्रेरणादाई सीख दी।
उन्होंने कहा कि पुण्यवान बनने अथवा पुण्य प्राप्त करने के लिए जिस प्रकार देव, गुरु की भक्ति आवश्यक है उसी प्रकार दान भी जरूरी है, चाहे वह आर्थिक रूप से हो अथवा सहानुभूति का ही क्यों ना हो। किसी जरूरतमंद के कंधे पर हाथ रखकर या आंखों की नेक दृष्टि भी दान की श्रेणी में आती है। राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि परिवार, गांव शहर एवं राष्ट्र के प्रति निष्ठावान अथवा सभ्य नागरिक की जिम्मेदारी भी हर व्यक्ति को समझनी होगी। आध्यात्म योगी संतश्रीजी ने कथा के दौरान बताया कि भैरव देव स्वयं रुद्र तथा हनुमानजी 11वें रुद्र अवतार है। सर्वथा सिर्फ भैरवदेव की विश्वास पूर्वक सच्ची भक्ति से महाकृपा प्राप्त करके संसार में सब कुछ हासिल किया जा सकता है।
राम राज्य के प्रसंग का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जन–जन के, संतों के एवं युवाओं के तथा हर वर्ग के सहयोग की बात के साथ डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि भारत को विश्व गुरु वही बना सकता है जो परिवारवाद की नहीं, बल्कि राष्ट्रहित के साथ देशवासियों के सर्वहित की श्रेष्ठ सोच रखता हो। उन्होंने श्रीलंका व पाकिस्तान सरीखे देशों की कंगाल स्थिति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत देश की श्रेष्ठता के अनेक सटीक उदाहरण भी बताए। उन्होंने कहा कि राजनीति से उनका कोई सरोकार नहीं है मगर किसी भी देश के राजा के गुण, वैभव प्रजा पर असर डालते हैं।
राजा आत्मा व प्रजा शरीर है। आगामी 26 अगस्त, श्रावणी अमावस्या पर कृष्णगिरी तीर्थ धाम में श्रद्धालु भक्तों, जन जन के सहयोग से वृहद स्तर पर हजारों निर्धन एवं जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री के महादान का ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा। वचन सिद्ध संतश्रीजी ने नवग्रह, कालसर्प, सर्व पाप –श्राप आदि दोषों के निवारणार्थ श्रद्धालुओं की उक्त सहयोगी भागीदारी को कल्याणकारी एवं सभी के भविष्य के लिए सुखद अनुभववाला बताया। साथ ही राशनकिट महादान के टोकन भी वितरण किए गए, जो कि कृष्णगिरी जिले के दर्जनों तहसील, गांव के हजारों लोगों में बांटे जाएंगे। आयोजन के पांचवें दिन श्रीभैरव महापुराण की आरती एवं हवन यज्ञ का लाभ श्रीमती लीलादेवी सेठिया ने लिया। पूज्य गुरुदेव श्रीजी द्वारा भैरवदेव का विधिवत् दिव्य महाभिषेक, श्रृंगार कर पुजन किया गया, वहीं मध्य रात्रि तक हवन यज्ञ में आहुतियां दी गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव श्रीजी के अधिकृत वेबसाइट यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया।