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परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री उदयप्रभसुरीश्वरजी म.सा.द्वारा उद्धबोधित प्रवचन के मुख्य अंश

परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री उदयप्रभसुरीश्वरजी म.सा.द्वारा उद्धबोधित प्रवचन के मुख्य अंश

श्री चन्द्रप्रभु जैन नया मन्दिर ट्रस्ट, श्री जैन आराधना भवन, चेन्नई में उद्धबोधित प्रवचन के मुख्य अंश

➡️परिस्थिति का सुधार कर्म सता के हाथ मे हैं,मनस्थिति अपने हाथ मे हैं।

➡️गलत काम करने का मन भी हो तो अच्छे आदमी के पास सलाह लेना।

➡️पदार्थ अनंत है तो इच्छा उस से भी ज्यादा अनंत हैं।

➡️ईच्छा के ऊपर विराम लगाने की ताकत किसी के अंदर नही है ,पदार्थ के ऊपर विराम लगा सकते हैं।

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