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परमात्मा संसार के मार्गदर्शक व अनेक गुणों के स्वामी है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

परमात्मा संसार के मार्गदर्शक व अनेक गुणों के स्वामी है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए आदिनाथ भगवान की स्तुति स्वरूप विशेषणो का भावार्थ करते हुए कहा प्रभु!आप अव्यय हो अर्थात आप सिधालय मे अजर अमर आत्म स्वरूप मे विराजमान हो जहाँ जन्म नहीं जरा नहीं मरण नहीं दुःख नहीं दा रिद्र नहीं एक मे एक सदा शाशवत रूपी आत्म भाव मे विचरण करते हो। आप आदिनाथ अर्थात संसार की सरंचना कर्ता हो आपने ही असि मसी कृषि व्यापार व शस्त्र आदि की कलाए प्रदान कर जीवन यापन का तरीका समझाया! इसी रूप मे आप सृष्टि मे ब्रह्म रूप हो! आप योगी मे महायोगी हो योग का शुभारंभ आपकी ही वाणी से हुआ है! जो आज विश्व मे विभिन्न रूपों मे प्रचलित हो गया है! आप अनन्त केतू अर्थात समस्त काम दोषों के विजेता हो, सारा संसार अलग अलग कामनाओं व इच्छाओ का दास बनकर कष्ट महाकष्ट को पा रहा है।

आपने समस्त कामनाओं पर विजय प्राप्त करली है!आप अमल हो अर्थात मल दोष से मुक्त हो चुके हो किंचित मात्र भी आपके जीवन मे किसी भी प्रकार का मल नहीं रहा है! इसके साथ ही आप अंनत अनंत ज्ञान केवलज्ञान के धारक हो इस के कारण कण मात्र भी अज्ञान आपमें नजर नहीं आता। अनंत गुणों के सागर होने से संसार के समस्त गुणों के आप धारक बन चुके हो कहीं भी आपके जीवन दर्शन मे अवगुण दिखलाई नहीं देते ऐसे महानायक आपके चरणों में मेरा वन्दन हो! सभा मे साहित्यकार श्री सुरेन्द्र मुनि जी द्वारा सविधि भक्तामर जी का स्वाध्याय व उसका विवेचन प्रदान किया गया! महामंत्री उमेश जैन द्वारा मुम्बई से आए समाजसेवी जनों का आदर सत्कार कर सूचनाएं प्रदान की गई।

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