जैन साध्वियों ने बताया कि जिनका मन सरल होता है वहीं होते है धार्मिक
Sagevaani.com /शिवपुरी ब्यूरो। कमल भवन में प्रसिद्ध जैन साध्वी नूतन प्रभाश्री जी और साध्वी वंदना श्री जी ने धर्म का मर्म का समझाते हुए कहा कि जिनका हृदय बच्चों के समान होता है, जिनका मन सरल होता है, जिसने अपने मन को मंदिर बना लिया भगवान वहां निवास करते हैं। जैन साध्वियों ने बताया कि ईट, पत्थर और गारे का मंदिर बनाना आसान है, लेकिन सही मायनों में धर्म तब होता है जब मन मंदिर बनता है। धर्मसभा में साध्वी जयश्री जी ने दुनिया का बनकर देख लिया, प्रभू का बनकर देख जरा भजन का गायन कर माहौल को भक्तिरस की गंगा से परिपूरित कर दिया।
धर्मसभा में साध्वी वंदनाश्री जी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी धर्म से घबराती है। वह कहती है कि हमारे पास मंदिर जाने सामायिक करने, धर्म आराधना करने और तीर्थ स्थानों पर जाने के लिए समय नहीं है। साध्वी जी ने कहा कि मैं उन को संदेश देना चाहती हूं कि सही मायनों में धर्म उस इंसान के जीवन में है जो सदकर्म करता है और दूसरों को सुख पहुंचाता है, उन्हें लेश मात्र भी पीड़ा नहीं पहुंचाता। धर्म कपटीमन में नहीं बल्कि मन की निष्छलता में निवास करता है।
मंदिर जाओ या न जाओ लेकिन अच्छे कर्म करते रहो और यही धर्म है। साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने महान फकीर शेख सादी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने नसीहत दी थी कि अच्छे कर्म हम अपने आपके लिए करते हैं, अपनी आत्मा के लिए करते हैं, दूसरों को नीचा दिखाने के लिए नहीं। अच्छे कर्म जब हम करते हैं तो हमारे मन में यश और प्रश्ंासा की कामना नहीं होना चाहिए। यदि हम मंदिर जाते हैं तो हमें उन लोगों की निंदा नहीं करना चाहिए जो मंदिर नहीं जा रहे हैं। शेख सादी ने बताया था कि यदि हम अल्ला की इबादत करते हैं तो हमें उनके बंदों की निदंा नहीं करनी चाहिए। धार्मिक होने की सबसे बड़ी शर्त मन की सरलता और विनम्रता है।
तपस्वी भाई बहिनों का हुआ सम्मान
साध्वी रमणीक कुंवर जी की विदाईर् बेला के अवसर पर तीन दिवसीय समारोह प्रारंभ हो गए हैं। प्रथम दिन चार्तुमास के दौरान तीन उपवास की तपस्या करने वाले भाई बहिनों का लाभार्थी परिवार विपिनचंद जी मेहरचंद जी, राहुल, रीतेश और यश गुगलिया परिवार की ओर से चार्तुमास कमेटी ने बहुमान किया। जिनका सम्मान किया गया।
उनके नाम है, श्रीमती अरूणा सांखला, सुधा काष्टया, प्रीति कोचेटा, सुनीता सांड, साधना पारख, सपना मुनानी, रूचि सांखला, शंकुतला कोचेटा, पुष्पा गुगलिया, प्रदीप काष्टया, पूर्णिमा कोचेटा, अंजली मूथा, निधि सांखला, शालिनी भंषाली, किरन तांतेण, सुशीला काष्टया, रीतेश सकलेचा, हार्दिक सकलेचा, राजीव नाहटा, कमला बाई कोचेटा और अनीता श्रीमाल। इसके अलावा चार्तुमास के दौरान सेवा देने वाले सेवादारों का भी चार्तुमास कमेटी ने सम्मान किया।
लखनऊ से पधारे श्रावक का हुआ बहुमान
साध्वी रमणीक कुंवर जी महाराज साहब के दर्शन करने और उनके सतसंग का लाभ उठाने के लिए प्रति दिन दूर दूर से जैन धर्मावलम्बि शिवपुरी पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में आज की धर्मसभा में श्रावक रजनीकांत महाराजश्री के दर्शन लाभ हेतु पधारे जिनका चार्तुमास कमेटी के अध्यक्ष राजेश कोचेटा, तेजमल सांखला, लाभार्थी रीतेश गुगलिया और सचिव सुमत कोचेटा ने सम्मान किया।