22 अगस्त खवासपुरा परमात्मा की वाणी जीवंत वाणी है संत शिरोमणी प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने जैन स्थानक मे प्रवचन के दौरान श्रध्दालुओं से कहांकि भगवान की वाणी सब के लिए सम्मान होती है इसमें कौई भेद नही होता है ! वितराग वाणी के द्वारा कहीं भव्य आत्माओ ने संसार मे जन्म लेकर अपने अवगुणो को दुर करके आत्मा का उत्थान किया ! भगवान की वाणी ऐसी वाणी है जिससे सुनकर मानव जन्म मरण के फेरे से आत्मा को मुक्त करा सकता है! हितेश मुनि ने कहाँ कि इंसान काया को सुख देने किए माया के पीछे दौड़ रहा है जबकि यह दौलत यही कि यही धरी रह जायेगी साथ नही जाने वाली है! युवाप्रणेंता महेशमुनि,नानेश मुनि ने भजनों के माध्यम से धर्मसभा मे मौजूद श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करदिया !
इस दौरान बाहर पधारे अतिर्थियो मे मूलचन्द नाहर शांतिलाल नाहर, बंसतीलाल महता, शांतिलाल जी बापना, नेमीचन्द सुराणा, प्रवीण कोठारी का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के दिपचन्द कोठारी, अमरचंद सुराणा, एच अमरचन्द कोठारी, सुरेश कोठारी, सागरमल कोठारी आदि पदाधिका रियों ने शोल माला पहनाकर सभी अतिर्थियो का स्वागत किया !
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा