राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने शनिवार को अपने प्रवचन में कहा कि परमात्मा की भक्ति करने से ही परम् आनंद की अनुभूति मिलेगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा को जब कोई भी मनुष्य सच्चे दिल से पुकारता है तो परमात्मा उसका उत्तर जरुर देते ही है।
राष्ट्रसंतश्री ने कहा कि परमात्मा तो स्वयं भक्त के पुकार की प्रतीक्षा करते रहते हैं। वह यह देखते हैं कि भक्त में परमात्मा की भक्ति के लिए कितनी व्याकुलता है। जब भक्त को परमात्मा को पाने की प्यास जग जाएगी तो निश्चित ही उसे वे मिलेंगे।
इसका एकमात्र यही उपाय है कि निरंन्तर भक्ति और ध्यान करते रहें। ट्रस्टी जय कोठारी ने बताया कि इससे पहले प्रात: के सत्र में संतश्रीवज्रतिलकजी की निश्रा में प्रतिक्रमण व सामूहिक भक्तामर मंत्र जाप किया गया।
धाम में प्रतिष्ठापित मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथजी की प्रतिमा का विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकशी द्वारा 50 दिवसीय 18 अभिषेक शनिवार को भी जारी रहा।