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परमगुरु सद्गुरु के माध्यम से ही मिलते हैं: आचार्यश्री उदयप्रभसुरीश्वरजी

परमगुरु सद्गुरु के माध्यम से ही मिलते हैं: आचार्यश्री उदयप्रभसुरीश्वरजी

साहुकारपेट स्थित आराधना भवन में चातुर्मासार्थ विराजित गच्छाधिपति आचार्यश्री उदयप्रभसुरीश्वरजी म.सा. का आगामी 2023 का चातुर्मास किलपॉक श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ में होगा। आचार्यश्री से आगामी चातुर्मास की विनंती की स्वीकृति पाने के बाद संघ में खुशी की लहर फैल गई। बुधवार प्रातः प्रवचन के दौरान संघ का प्रतिनिधि मंडल चातुर्मास की विनंती हेतु आराधना भवन पहुंचा, जहां संघ के चेयरमैन शांतिलाल जैन एवं अध्यक्ष नरेंद्र साकरिया ने आचार्यश्री को अगले चातुर्मास का विनंती पत्र सौंपा।

संघ के सचिव नरेंद्र श्रीश्रीमाल ने आचार्यश्री से चातुर्मास का आग्रह करते हुए कहा कि परमगुरु सद्गुरु के माध्यम से ही मिलते हैं। आप ही प्रभुता की पहचान हो। आप ही भक्तों के भगवान हो।‌‌ आप कुंकुम पगलिए हमारे संघ में करें। यह शब्दों का नहीं, भावों का वैभव है। आगामी चातुर्मास के पांच महीनों की निश्रा हमें मिले। इस अवसर पर आचार्यश्री ने स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि संघ की उत्कृष्ट भावना को देखकर 2023 का चातुर्मास किलपॉक संघ को प्रदान करते हैं। संघ की ओर से उपाध्याय युगप्रभविजयजी महाराज के आचार्य पदारोहण समारोह को प्रदान करने के लिए आचार्यश्री से विनंती की गई।

इससे पूर्व आचार्यश्री ने प्रवचन में नवपद के साधु पद की महिमा बताते हुए कहा कि हमें गुणों की पूजा, साधना करनी चाहिए, व्यक्ति की नहीं। साधु संत जब तक रहेंगे, शासन रहेगा। साधु पद की आराधना करने के लिए नमो लोए सव्वसाहूणं की आराधना करनी चाहिए। हमारी संस्कृति जीवित है तो संतों के कारण। उन्होंने कहा कि दशहरे के दिन हमें अंदर में रही हुई बुराइयों को बाहर निकाल कर फेंक देना है।

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