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निर्विघ्नं उनकी तपस्या जारी

निर्विघ्नं उनकी तपस्या जारी

दुर्ग / जैन साध्वी जयमाला जी महाराज की पावन प्रेरणा से उनके 2008 में दुर्ग चातुर्मास के दौरान श्रीमती नंदा देवी पारख ने तपस्या प्रारंभ की थी तब से लेकर आज तक निर्विघ्नं उनकी तपस्या जारी है। आज जय आनंद मधुकर रतन भवन में छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनी एवं विवेक मुनि के मुखारविंद से उन्होंने 52 उपवास की तपस्या का संकल्प धर्म सभा में लिया।

हर चातुर्मास में तपस्या कर अपने परिवार का नाम रोशन करने वाली श्रीमती नंदा देवी अब तक की सबसे बड़ी तपस्या 81 उपवास एवं एक चातुर्मास में 2 मास खमण की तपस्या करने का रिकॉर्ड दर्ज है।
उनके साथ साथ उनकी बेटी कुमारी पायल पारख ने अपनी माता का तपस्या में साथ देते हुए उन्होंने भी तपस्या प्रारंभ की थी और आज कुमारी पायल ने 28 उपवास का संकल्प रतन मुनि के हाथों ग्रहण किया।

कुमारी पायल ने भी इसके पूर्व 9,11,की तपस्या करते हुए 31 उपवास की तपस्या की ओर अग्रसर है।
इसी तरह श्रीमती नंदा देवी पारख की पुत्र वधू श्रीमती निधि पारख ने आज जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा में आठ उपवास की तपस्या का संकल्प गुरुदेव श्री के मुखारविंद से ग्रहण किया। प्रगति दुग्गड एवं प्रज्ञा पारख ने भी आज 10 उपवास का संकल्प लिया।

तपस्वीयो का अभिनंदन तपस्या के साथ

आज श्रमण संघ की धर्म सभा में तपस्या करने वाले तपस्वीयोंका बहूमान किया गया। तपस्या का अभिनंदन तपस्या का संकल्प लेने वाले सदस्यों के द्वारा किया गया। श्रीमती नंदा देवी पारख का अभिनंदन उनके भाई टीकम छाजेड़ ने आठ उपवास के संकल्प लेकर अपनी बहना का धर्म सभा में अभिनंदन किया।
इसी तरह अन्य तपस्वीयों की तपस्या गीत के माध्यम से अभिनंदन किया गया।

माता पिता वंदनावली

एवं कृष्ण जन्माष्टमी अवसर पर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता

रविवार को प्रातः 9:00 बजे से माता पिता वंदना वर्ली का कार्यक्रम संत गौरव मुनि के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें जैन समाज के सभी बच्चे अपने माता पिता के साथ सामूहिक रूप से इस आयोजन में हिस्सा लेंगे और माता पिता को अपनी वंदना अर्पित करेंगे।
माता-पिता वदनावली कार्यक्रम के लाभार्थी स्वर्गीय अचलदा जी अरुण कुमार पारख की स्मृति में पारख परिवार दुर्ग की सौजन्यता से उपस्थित जनों के गौतम प्रसादी की व्यवस्था की गई है।

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