गणाधीष प्रवर की 31 दिवसीय मौन साधना की पूर्णाहुति गुरूवार को
बाड़मेर। बाड़मेर शहर में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के तत्वाधान में मंगलवार को भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक व अंनतलब्धिनिधान गौतम स्वामी महाराज के केवलज्ञान के उपलक्ष में परम पूज्य नंदीषेणमुनिजी, विरागमुनिजी, भव्यमुनिजी की पावन निश्रा व साध्वी विरतियशाश्री व साध्वी विनम्रयशाश्री के पावन सान्निध्य में खागल मौहल्ला स्थित शांतिनाथ जिनालय में भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष निर्वाण कल्याणक का लड्डू एवं आदिनाथ जिनालय में गौतमस्वामी जी की प्रतिमा के समक्ष केवलज्ञान का लड्डू व दादावाड़ी में दादागुरूदेव की प्रतिमा के समक्ष लड्डू चढ़ाया गया तत्पश्चात् नूतन वर्ष के उपलक्ष में बालमुनि भव्यमुनि द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष सप्त स्मरण का पाठ, भक्तामर स्त्रोत, गौतमस्वामी रास, दादा गुरूदेव इकतीसा पाठ के साथ नूतन वर्ष की मांगलिक प्रदान की गई।
गणाधीष प्रवर की 31 दिवसीय मौन साधना की पूर्णाहुति गुरूवार को
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति, बाड़मेर सचिव रमेश पारख व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि परम पूज्य गणाधीश प्रवर श्री विनयकुशलमुनिजी महाराज साहब 31 दिवसीय एकांत पन्यास मंत्र व वर्धमान विद्या की मौन साधना में साधनारत है।
जिनकी साधना की पूर्णाहुति 31 अक्टूबर को होगी इस अवसर पर चातुर्मास समिति द्वारा भव्य महामांगलिक का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम को लेकर प्रचार-प्रसार जोर-शोर से चल रहा है। गुरूवार को साधना की पूर्णाहुति के उपरांत गणाधीश प्रवर के मुखारविंद से प्रथम बार पन्यास मंत्र व वर्धमान विद्या के गुंफित मंत्रों से युक्त महामांगलिक प्रदान की जायेगी।
महामांगलिक में जयपुर, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित बाड़मेर जिलें के कई स्थानों से भक्तगण शिरकत करेगंे। गणाधीश प्रवर को साधना कक्ष से बाहर निकलने पर सर्वप्रथम केसर के छांटना करने का लाभ मांगीलाल चिंतामणदास संखलेचा परिवार व प्रथम गुरूपूजन करने लाभ शांतिलाल डामरचंद छाजेड़ परिवार ने लिया।