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नानी बाई रो मायरो: राधाकृष्ण महाराज के भजनों पर झूमे श्रद्धालु

नानी बाई रो मायरो: राधाकृष्ण महाराज के भजनों पर झूमे श्रद्धालु

हावड़ा के घासबगान मैदान में तीन दिवसीय धार्मिक कथा शुरू

हावड़ा. श्री गोविन्द गौशाला, सींथल (बेलासर) सेवार्थ शुक्रवार को हावड़ा के घासबगान मैदान में तीन दिवसीय धार्मिक कथा नानी बाई रो मायरो का आयोजन शुरू हुआ। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। व्यास पीठ पर विराजमान कथा वाचक राधाकृष्ण महाराज ने कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि नानी बाई रो मायरो अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है।

पंडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं को देख कर लग रहा है कि पूरा सींथल(राजस्थान) हावड़ा की धरती पर उमड़ आया है। गांव से लेकर विदेश में रहने वाले श्रद्धालु कथा का श्रवण करने के लिए आए हैं। महाराज श्री ने कहा कि कथा के माध्यम से भगवान श्रीहरि को यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो वे अपने भक्तों की रक्षा करने स्वयं आते हैं। नानी बाई रो मायरो की शुरुआत नरसी भगत के जीवन से हुई। नरसी का जन्म गुजरात के जूनागढ़ में आज से 600 साल पूर्व हुआ था।

नरसी श्रीकृष्ण के अन्नय भक्त थे। भगवान शंकर की कृपा से उन्होंने ठाकुर जी के दर्शन किए। कथा के बीच महाराज श्री ने प्ररेक विचार व उनके द्वारा गाए गए मधुर भजनों पर पंडाल में बैठे श्रद्धालु झूम उठे। नानी बाई रो मायरो की कथा के पहले दिन मौजूद श्रद्धालुओं ने भजन सुनकर जमकर तालियां बजाई।

इस अवसर पर मुख्य यजमान हरिकिशन मोहता, श्री किशन बाहेती, जुगल किशोर करनानी, माणक लाल मुन्धड़ा, गोपाल बाहेती और हनुमान करनानी, बतौर मुख्य अतिथि लक्ष्मीरतन शुक्ला (खेल व युवा मामलों के मंत्री) , वरिष्ठ समाजसेवी दीन दयाल गुप्ता, पुरूषोत्तम दास मीमाणी, पुरूषोत्तम दास परशरामपुरिया, रामेश्वर लाल भट्टड़, सूर्यप्रकाश तोषनीवाल, मनोज परशरामपुरियाम, नंदकिशोर मुन्धड़ा, उमेश राय, पार्षद गीता राय, कृष्णा सिंह व स्वपन वर्मन उपस्थित थे।

आयोजन को सफल बनाने में घनश्यान करनानी, गौरीशंकर बाहेती, सुनील कुमार बाहेती, रमेशलाल मोहता, लालचंद मोहता, नीतेश मोहता, ओमप्रकाश मुन्धड़ा, कमल किशोर बाहेती, जगदीश प्रसाद मुन्धड़ा, मुरली बाहेती, बृज मोहन मोहता, राम कृष्ण मुन्धड़ा, सुरेन्द्र सोमानी, शशिकांत मुन्धड़ा, अमित मोहता, सरिता देवी बाहेती व सुमन देवी मोहता, बाबू लाल मोहता, मनीष राठी आदि कार्यकत्र्ता सक्रिय रहे। मंच का संचालन प्रकाश चंडालिया ने किया।

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