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नव वर्ष पर नए संकल्प लें व उन्हें पाने का प्रयास करें- डा. वरूण मुनि

नव वर्ष पर नए संकल्प लें व उन्हें पाने का प्रयास करें- डा. वरूण मुनि

एम. एम. डी. ए. संघ में बडी भव्यता के साथ संपन्न हुआ नव वर्ष का मंगलपाठ

गुरू पदम अमर कुल भूषण श्रमण संघीय उप प्रवर्तक परम पूज्य श्री पंकज मुनि जी म. सा. एवं ओजस्वी वक्ता दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरुण मुनि जी म. सा. आदि ठाणा 4 की पावन निश्रा में एम. एम. डी. ए. कॉलोनी, एस. एस. जैन संघ के तत्वावधान में नववर्ष पर महामंगलपाठ का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रमण सूर्य दिव्य विभूति मरूधर केसरी श्री मिश्रीमल जी म. सा. की वार्षिक पुण्य तिथि एवं राष्ट्र संत उत्तर भारतीय प्रवर्तक अनंत उपकारी गुरूदेव भण्डारी श्री पदम चंद्र जी म. सा. की मासिक पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ।

ओजस्वी वक्ता डॉ.श्री वरुण मुनि जी म. सा. ने नववर्ष का मंगल संदेश देते हुए उपस्थित विशाल जनमेदनी को सम्बोधित करते हुए फरमाया- नववर्ष के इस अवसर पर आप सभी जीवन में नये लक्ष्य बनायें, शुभ संकल्प लें और अपने शुभ संकल्प को साकार करने का प्रयास करें। इस नये वर्ष में आप स्वयं के लिए कुछ ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें, जो आपके जीवन को प्रेरणा तो प्रदान करें ही, साथ ही उन्नति की ऊंचाइयों की ओर लेकर जायें। नववर्ष में आप प्रतिदिन कोई भी एक अच्छा काम करें ताकि आपको लगे कि आपका यह दिन सार्थक हुआ है।

इसी के साथ उन्होंने मरूधर केसरी परम पूज्य श्री मिश्रीमल जी म. सा. के जीवन के संदेश को सुनाते हुए फरमाया कि – मरूधर बाबा अक्सर फरमाया करते थे ‘साता देवोला, साता पावोला’ अर्थात् यदि आप सुख दोगे तो आपको भी सुख की प्राप्ति होगी, हम अपने जीवन में यदि सूख पाना चाहते हैं तो दूसरों को दु:ख देने का प्रयास न करें क्योंकि जैसा देते हैं सृष्टि का, प्रकृति का नियम है वैसा ही लौटकर हमारे पास आता है।

पूज्य दादा गुरुदेव भण्डारी श्री पदम चंद्र जी म. सा. उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए परम पूज्य डॉ. श्री वरुण मुनि जी म. सा. ने फरमाया कि दादा गुरुदेव का जीवन अपने आप में एक संयम की महान् गाथा है । उन्होंने अपने जीवन में लगभग 108 मुमुक्षु आत्माओं को दीक्षा मंत्र प्रदान किया। उत्तर भारत में सौ संस्थाओं का निर्माण गुरुदेवश्री की प्रेरणा से हुआ ।

अपने प्रधान शिष्य उत्तर भारतीय प्रवर्तक श्रुताचार्य वाणी भूषण श्री अमर मुनि जी म. सा. के माध्यम से उन्होंने पूरे विश्व में जैन आगमों के माध्यम से एवं जिनशासन प्रभावना के कार्यों से मानवता की महान् सेवाएं की। दोनों महापुरुषों के पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में श्रध्दाशील श्रीमान् सा कैलाश जी सुनील कुमार जी भण्डारी के निवास स्थान पर 24 घण्टे के लिए नवकार महामंत्र के अखण्ड जाप आयोजन हुआ। प्रवचन सभा में नन्हें- मुन्ने बच्चों ने सामायिक की विशेष आराधना की। जैन नवयुवक मंडल की ओर से उन बच्चों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में साहुकारपेट से डॉ. कमल कुमार जी, अरुंबाकम से डॉ. शिव कुमार जी, डॉ. करूणामूर्ति जी विशेष रूप से पधारे।

श्रीमान् सा हुक्मी राज जी मेहता, श्रीमान् सा धर्मेश जी लोढा, श्रीमान् सा शांति लाल जी लुंकड, श्रीमान् सा दीप चंद जी कोठारी, श्रीमान् सा महेन्द्र जी मरलेचा, श्रीमान् सा प्रेम चंद आबड एवं अन्य गणमान्य व्यक्त्तियों का शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह के द्वारा बहुमान किया गया। महिला मंडल की ओर से अखण्ड जाप में विशेष भूमिका रही! मधुर वक्ता श्री रूपेश मुनि जी म. सा. ने गुरू भक्ति गीत प्रस्तुत किया विद्याभिलाषी श्री लोकेश मुनि जी म. सा. ने बताया कि – पूज्य गुरुदेव 2 जनवरी से लगभग 15 जनवरी तक ओटेरी – कोसापेट में विराजमान रहेंगे।

अंत में श्रमण संघीय उप प्रवर्तक भोले बाबा श्री पंकज मुनि जी म. सा. के मुखार्विंद से नववर्ष का मंगलकारी जाप एवं मंगलपाठ प्रदान किया गया, सकल श्रीसंघ की ओर से अल्पाहार का आयोजन हुआ एवं दोनों गुरू भगवन्तों की पावन स्मृति में विशाल अन्नदानम् का भी आयोजन किया गया ।

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