मां की दिव्य प्रतिमाएं पूज्य गुरुदेव द्वारा लोकार्पित, कलश स्थापन–पूजन आज
स्वर्ग से सुंदर सज कर तैयार हुआ कृष्णगिरी तीर्थ धाम, दुनिया भर से पहुंचे हजारों श्रद्धालु
कृष्णगिरी। शक्तिमय पतित पावन विश्वविख्यात तीर्थ श्रीपार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर, राष्ट्रसंत, यतिवर्य, सर्वधर्म दिवाकर परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि नवरात्रि पर्व हाथ में डांडिया लेकर नाचने कूदने का नहीं, अपितु पवित्र भाव से मां को याद कर भक्ति करने का पर्व है। उन्होंने कहा कि ममतामयी मां की भक्ति ध्यान करके उसे मन में बैठा कर उसकी कृपा प्राप्त करने का महापर्व है नवरात्रि।
वे यहां श्री आदिशक्ति राजराजेश्वरी जगतजननी देवी मां पद्मावतीजी की 15 फीट की तथा नौ–नौ फिट की वैष्णव स्वरूपा महालक्ष्मीजी व ब्राम्ही स्वरूपा सरस्वतीजी की अति दिव्य प्रतिमाओं के प्रवेश–लोकार्पण अवसर पर अपना संबोधन दे रहे थे। 10 दिवसीय श्री नवरात्रि भक्ति महामहोत्सव का आगाज तीर्थ धाम में सोमवार से हो रहा है। आयोजन में शामिल होने के लिए देश और दुनिया से हजारों की संख्या में पंजीकृत श्रद्धालु गुरुभक्त शक्तिपीठ धाम पहुंच रहे हैं। विगत 20 दिनों में वृहद स्तर पर तैयार हुए नवरात्रि विशेष राजमहल पंडाल का श्वेत मरमर का कपड़ों से बना भव्य द्वार बनाया गया है, वहीं भीतरी भाग में भारतीय धर्म संस्कार को प्रदर्शित करते हुए भगवा वस्त्रों में संपूर्ण मंडप सजाया गया है।
पंडाल के प्रथम आवरण में 16 पद्मावतीजी के अति दुर्लभ दर्शन तथा द्वितीय गैलरी में भारतीय नवरात्रि परंपरा साधना–आराधना का विस्तृत चित्रण प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। पूज्य गुरुदेवजी ने कहा कि नवरात्रि वह पर्व है जहां मां का ध्यान करके अंतर हृदय की पवित्रता के साथ उनकी भक्ति करनी चाहिए। हाथों में डांडिया लेकर फूहड़ नृत्य करने के घूरविरोधी पूज्य गुरुदेव वर्ष 2005 से देश के विभिन्न महानगरों–शहरों में गरबा एवं महिलाओं के नृत्य का विरोध करते हुए संस्कार युक्त नवरात्रि पर्व मनाने की प्रेरणा देते हुए अति विशाल आयोजन में सानिध्य प्रदान कर रहे हैं। नवरात्रि महापर्व के नौ दिवसीय आयोजन में भव्यता पूर्वक 9 दिनों तक जप, साधना, भक्ति, भजन संध्या के साथ मनाई जाती है। इसी क्रम में कृष्णगिरी तीर्थ धाम स्वर्ग से सुंदर जगमग साज-सज्जा व विहंगम रोशनियों के साथ दुल्हन की तरह सज कर तैयार हो चुका है, जहां 5 अक्टूबर तक भक्ति भाव व संस्कारों के साथ-साथ पुण्य की वृद्धि होगी।
इस बार के 10 दिवसीय आयोजन के तहत सोमवार को प्रातः 10 बजे से श्री आदिशक्ति राजराजेश्वरी जगतजननी देवी मां पद्मावतीजी के मूल मंदिर में दुग्ध अभिषेक प्रारंभ होगा। दोपहर में श्रीमद् देवी भागवत कथा महापुराण व संध्या काल में यज्ञ–हवन के बाद भजन भक्ति होगी, जिससे तन–मन शुद्ध व पवित्र होकर जीवन में पुण्य अर्जन होगा। 10 दिनों तक हजारों लोग शक्तिपीठ में विराजमान देवी मां पद्मावतीजी का अति दिव्य दुग्ध अभिषेक करेंगे। इसके बाद पूज्य गुरुदेवजी के साथ साधना कक्ष में जप आराधना करेंगे। दोपहर में भोजन पश्चात 2 बजे से देवी भागवत कथा का दिव्य अमृत पान किया जा सकेगा। बाद दोपहर 4 बजे से हवन यज्ञ का लाभ प्राप्त होगा। 7 बजे से पार्श्वनाथ भगवान, धरनेंद्र देव, पद्मावती माताजी की आरती पूजन होगा। इसके बाद फिर से नवरात्रि विशेष पांडाल में 9 दिनों तक प्रत्येक व्यक्ति 5 दीपों से एक साथ मां की कुल हजारों दीपों से अलौकिक महाआरती करेंगे। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक रूप से एक लाख दीप मां के चरणों में अर्पित होंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया जाएगा।
देश और दुनिया से कृष्णगिरी पहुंचे हजारों श्रद्धालु..
भारत सहित दुनिया के करीब 9 देशों के 35 से अधिक राज्यों के लगभग 360 शहर कस्बों से हजारों पंजीकृत श्रद्धालु गुरु भक्त कृष्णगिरी तीर्थ धाम में रविवार शाम तक नवरात्रि पर्व में शामिल होने पहुंचे, जो की देर रात्रि तक जारी था। 10 दिवसीय इस आयोजन में सामूहिक रूप से महिलाओं–पुरुषों के ठहराव, तीनों समय स्वादिष्ट भोजन प्रसाद के साथ सभी भक्तगण अपने हाथों से मां पद्मावतीजी का दुग्ध अभिषेक पूजन करेंगे। वहीं शाम को प्रत्येक भक्त पांच दीपकों से मां की महाआरती करेंगे। यूएस, यूके, यूएसए, कनाडा, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल व दुबई सहित भारत के लगभग सभी प्रदेशों से श्रद्धालु भक्त परम पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में बगैर डांडिया के मां की संस्कारयुक्त भजन भक्ति के अनूठे आयोजन में शामिल हुए हैं।