चेन्नई. कोंडीतोप स्थित सुंदेशा मूथा भवन में विराजित आचार्य पुष्पदंत सागर ने कहा पुरुष नारी से ऊंचा नहीं हो सकता क्योंकि उसने नारी से ही जन्म लिया है। नर से नारी की क्षमता अधिक है।

नारी मात्र शरीर की अपेक्षा कमजोर है। नर के पास मसल्स पावर है तो नारी के पास आत्मबल है जो पुरुष से भी अधिक है। नारी की उम्र पुरुष से ज्यादा है इसलिए लड़की का विवाह अधिक उम्र के पुरुष से होता है। पुरुष में नारी की अपेक्षा सहनशीलता कम है इसीलिए प्रकृति से शक्ति दी नौ माह गर्भ में बच्चा रखने की।जीवित को विकसित करना, जन्म देना व संघर्ष करना और त्याग-संयम से जीना आदि केवल स्त्री को मिला है। कष्ट झेलने की क्षमता केवल नारी की अधिक है।यह दुर्भाग्य ही है कि नारी ने स्वयं को कमजोर मान लिया है जबकि वह पुरुष से कमजोर नहीं है।