चेन्नई. पम्मल चेन्नई में धार्मिक मैच बालभोदक गुरुदेव गौतममुनिजी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। इस मैच में 18 धार्मिक टीमों ने हिस्सा लिया। गुरुदेव ने अपने प्रवचन में कहा कि महासागर तैर लेने से नदियों का तैरना कठिन नहीं होता।
झूठा संकेत व्यक्ति को नहीं करना चाहिए जो मन में भाव है उसे प्रकट करना चाहिए। कथनी और करनी में समानता रखनी चाहिए। धन्ना अनागर साधु ने अपने इंद्रियों को वश में करके अपनी काया को तपाके खुद को उग्र तपस्वी बनाया था। जब महावीर से पूछा गया कि 14 हजार साधुओं में आपका प्रथम और प्रिय कौन है तो उन्होंने धन्ना अनागार का नाम लिया।
प्रवचन के बाद गुरुदेव ने धार्मिक प्रश्न-उत्तर की शुरुआत की। इसमें कुल 15 टीम ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता सुबह 11 बजे से 4 बजे तक चली। जिसमें पहला स्थान सुंदरी टीम, दूसरे स्थान पर त्रिशला और तीसरे स्थान पर मृगावति रही।
पम्मल संघवालों ने बहुमान किया। ताम्बरम, पल्लावरम, क्रोमपेट, टी.नगर, सैदापेट, गुडुवांचेरी, साहुकारपेट और अन्य जगह से लोग इस प्रतियोगिता को देखने पहुंचे।
सेवालाल कोठारी, चंदनमल बोथरा, अशोक कोठारी, कानमल सेठिया व अन्य सदस्य वहां मौजूद रहे। धार्मिक मैच में ७० से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। मंच संचालन ताम्बरम के अरविंद गुलेच्छा ने किया।