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ज्ञान वाणी

धर्म वही जो हर संघ के सदस्य को समर्पित भाव से निभाया जाता है

चेन्नई. श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ सांडिया का ग्यारहवां स्नेह मिलन समारोह हाल ही जैन समणी प्रमुखा श्रीनिधि, समणी निर्देशिका श्रुतनिधि, सुगमनिधि व श्रद्धानिधि के सान्निध्य में आयोजित किया गया। अक्कमपेट तड़ा स्थित ७२ जिनालय तीर्थ में आयोजित इस समारोह की शुरुआत समणीवृंद के मंगलाचरण के बाद अध्यक्ष गौतमचंद पोकरणा के स्वागत भाषण से हुई।

अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के महामंत्री व सांडिया संघ के मंत्री विमल सांखला ने संघ की गतिविधियों की जानकारी दी। बाद में समणी श्रुतनिधि ने कहा तीर्थंकरों ने चतुर्विध संघ की स्थापना की जो घाड़ी की चार पट्टियों के समान महत्वपूर्ण हैं।

इसीलिए संघ को नमन किया जाता है। धर्म वही है जो हर संघ के सदस्य को समर्पित भाव से निभाया जाता है। एक संघ को सफलता सदस्यों की एकता, निष्काम सेवा, सकारात्मक सोच एवं एक-दूसरे के सहयोग से मिलती है। समणी निर्देशिका ने सांडिया संघ की सराहना की एवं संघ की सफलता का गुर बताया। धर्मीचंद लूंकड़ व सुनिता गोलेछा एवं जिनालय के ट्रस्टियों ने भी विचार व्यक्त किए।

संचालन महावीरचंद सांखला ने किया। दूसरे सत्र में समणी श्रुतनिधि ने जैन अनुप्पेहा ध्यानयोग साधना के प्रथम चरण का अभ्यास करवाया। इस मौके पर कार्यक्रम के सहयोगी मोतीलाल, रमेशकुमार, विमलकुमार निर्मलकुमार व पुष्पक सांखला का अभिनंदन किया गया।

साथ ही सांडिया ग्राम की बहन-बेटियों का महावीरचंद बोहरा ने सम्मान किया। साथ ही उन महिलाओं एवं विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने सालभर में अ_ाई से अधिक की तपस्या की और बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए। समारोह में महेंद्रकुमार सालेचा आदि का सहयोग रहा।

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