चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा दुनिया की हर वस्तु से भी ज्यादा मोल मानव भव का है जो बहुत कष्टों के बाद मिला है। इस अनमोल भव की कीमत समझने वाले जीवन का कल्याण कर लेते हैं।
किसी के साथ गलत करने के बजाय मानव भव की कीमत को समझ लो। नहीं पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। साध्वी समिति ने कहा भाव यात्रा पर चलते चलते सतियों के जीवन को देख रहे हैं। उन्होंने संकट सहते हुए संयम कैसे अपनाया उसे याद कर जीवन में उतारने का प्रयास करें।
जब तक मनुष्य खुद पर विश्वास कर धर्म के पथ पर नहीं चलेगा जीवन में अच्छे मार्ग का गठन नहीं होगा। मोक्ष मार्ग पर जाने से पहले मनुष्य को जीवन मे सम्यकत्व लाना होगा। जब सम्यकत्व जीवन में आ जायेगा तो मानव रूपी भव में भटकना नहीं पड़ेगा। सोलह सतियों में द्रोपदी भी एक सती थी जिन्होंने सम्यकत्व की प्राप्ति कर मोक्ष को पा लिया था।
उन्होंने अपने साथ दूसरों को भी इसी मार्ग पर बढऩे की सलाह दी। मोक्ष के मार्ग पर जाने में थोड़ा कष्ट तो होता है, लेकिन उस मार्ग पर जाने के बाद मनुष्य को दोबारा भटकना नही पड़ता। सुख की तलाश बाहर नहीं स्वयं में पूरी होगी।
मौका मिला है तो खुद को जितना हो सके तपा लो। सतियों के जीवन को चारित्र में लाने वालों का जीवन सुखद बन जायेगा। शुक्रवार से 18 दिवसीय नवग्रह शान्ति अनुष्ठान प्रारम्भ होगा। धर्म सभा मे उपाध्यक्ष जेपी ललवानी, दुलीचंद छाजेड़ भी उपस्थित थे। संचालन सहमंत्री पंकज कोठारी ने किया।