श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने फैमिली मैनेजमेंट के बारे में बताया कि ये रिश्ता क्या कहलाए, आज उसी रिश्ते का मजाक उड़ाया जा रहा है। सात जन्म का ऐसा पवित्र पति पत्नी का रिश्ता जो चंदन के समान होना चाहिए था, पर एक दूसरे की नासमझी के कारण ज्यादा से ज्यादा डिवोर्स हो रहे हैं। चेलना श्रेणीक के बारे में, पूर्णिया श्रावक के बारे में बताया गया। धर्म जब जीवन में उतरता है तो संबंधों में मधुरता आती है।
प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने श्रावक के गुणों के बारे में बताते हुए कहा उपकारी के उपकारों को कभी भी भूलाना नहीं है। कृतज्ञता व्यक्त करना है ना कि कृतज्ञ बनना है। बच्चों का शिविर लिया गया। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने स्वागत किया। संचालन मंत्री हस्तीमल बाफना ने किया।