फतेहाबाद हरियाणा । धर्म का सम्बंध आत्मा से होता हैं । रविवार को एस. एस.जैन सभा फतहाबाद मे साध्वी वृष्टि ने सैकड़ों श्रधदालुओं को धर्मसंदेश देते हुए कहा कि मनुष्य को हमेशा यह चिंतन करना चाहिए कि मेरी आत्मा और सिद्धों की आत्मा में कोई फर्क नहीं है। जो गुण सिद्धों की आत्मा में हैं। वो गुण मेरी आत्मा में भी विद्यमान हैं।
लेकिन मेरे आत्मगुणों पर कर्मों का आवरण चढ़ा हुआ हैं। हमारे जीवन जीने के तीन स्तर है। संज्ञा प्रधान जीवन, बुद्धि प्रधान जीवन व आज्ञा प्रधान जीवन।हम संज्ञा प्रधान व बुद्धि प्रधान जीवन को जीते है लेकिन आज्ञा प्रधान जीवन नहीं जीते है।
इंद्रियों सुखों की प्राप्ति के लिए मन चाहा जीवन जीने के लिए हम अपने आत्मगुणों का घात कर देते हैं। हम प्रतिपल आहार, भय, मैथुन व परिग्रह संज्ञा में ही जीते हैं। साध्वी ने कहा कि हमारे महापुरुषों का आदर्श कभी भी हमें संज्ञा प्रधान जीवन जीने की प्रेरणा नहीं देता है। हम पुद्गलों के वशीभूत होकर पुद्गलानंदी बन गए है। परमात्मा ने जैसा कहा, जो कहा, जिस प्रकार कहा उसी आज्ञा के अनुसार जीवन जीना आज्ञा प्रधान जीवन है।
परमात्मा के शासन में जन्म लिया है हमारे को परमात्मा की आज्ञा का पालन करना परम कर्तव्य है। परमात्मा की आज्ञा का पालन करके ही हम परमात्मा बना सकता है। साध्वी विजेता ने कहा कि प्राणी दो प्रकार के होते हैं। एक ज्ञानी व दूसरा अज्ञानी। जिनको आत्मज्ञान की जिज्ञासा रहती है वो ज्ञानी है तथा जिसे पुद्गलों का ख्याल रहता है, उसमें ही मस्त रहता है वो है अज्ञानी जीव।
अज्ञानी व्यक्ति पैसा, पद, प्रतिष्ठा व संबंधों को अपना मानकर जीता है तथा इसमें से किसी एक को भी नुकसान होता है तो उसका मन डांवाडोल रहता हैं। साध्वी दीपिका ने भजन के माध्यम भाव भाव रखे ओर महामंत्र नवकार का सामूहिक जाप करवाया।
पंजाब फतेहाबाद एस एस. जैन सभा के प्रधान संजीव जैन ने बताया कि धर्मसभा मे पंजाब के अनैको क्षैत्रो के अतिथीयो की उपस्थिति रही ।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
एस. एस. जैन सभा फतेहाबाद हरियाणा