Sagevaani.com @चैन्नई। घमंड जीवन मे दौलत का हो या शोहरत या शरीर का जब उतरता है तब इंसान न घर का रहता है और नाही बाहर का रहता हैं। शुक्रवार साहुकार पेट के जैन भवन मे महासती धर्मप्रभा ने अनेक भाई और बहनों को धर्मसभा में सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन मे कितना ही करोड़पति और अरबपति बन जाए लेकिन उसमें दया, परोपकार करूणा और मानवता की भावना नहीं है तो ऐसा व्यक्ति महान नहीं बन सकता है। दौलत से कौई भी व्यक्ति बड़ा नहीं बनता अपने आचरण,व्यवहार और अपने गुणों से महान बनता है।
इस धरती पर अपनी दौलत और शक्ति का अंहकार और घमंड करने वाले न जाने कितने राजा और महाराजा शमशान की राख बनकर धरती की मिट्टी मे मिल चुके है। फिर साधरण मनुष्य की इस संसार क्या हैसियत है जो वो तुच्छ वस्तुओं और दौलत पर इतना अभिमान और घमंड करता है मरते वक्त ना दौलत साथ जाने वाली है और ना ही परिवार साथ मे जाने वाला है मनुष्य सही समय पर अपनी लक्ष्मी का सद उपयोग और दान करता है तो वही अगले भव मे उसे मिलता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने उत्ताराध्यय सूत्र वांचन करते हुए बताया कि दान देते समय मनुष्य की जैसी भावना रहती वैसा ही वह फल प्राप्त करता है दान देते वक्त भावना अगर अच्छी है तो उसका फल अच्छा तथा अपमान तिरस्कार करके जो व्यक्ति दान करता है वह दान गुड़गोबर हो जाता है।
श्री संघ साहुकार पेट के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया इसदौरान एक सो पचास से अधिक बहनों ने साध्वी धर्मप्रभा से एकासन व्रत के प्रत्याख्यान लिए। एकासन व्रत करने वाली बहनों का श्री एस.एस.जैन संघ साहुकारपेट के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी मंत्री सज्जनराज सुराणा, हस्तीमल खटोड़, शम्भूसिंह कावड़िया, अशोक सिसोदिया, ज्ञान चन्द चौरड़िया, तारेश बेताला, दिनेश नाहर, महेन्द्र सेठिया तथा तमिलनाडु युवा जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष आनन्द बालेचा आदि सभी ने तपस्यार्थी बहनों के तप की अनूमोदना करते हुए सभी बहनों को सामूहिक रूप मे एकासना करवाया ।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस. एस. जैन भवन साहुकार पेट चैन्नई