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 धन कमाना संसार परिवार चलाने के लिए आवश्यक है:  प पू महिमा श्री जी 

 धन कमाना संसार परिवार चलाने के लिए आवश्यक है:  प पू महिमा श्री जी 

चेहरे की मुस्कराहट से सामने वाला कितना भी क्रोधी नम्र हो जाता है। वर्तमान मे बच्चे तो है मगर उनका बचपन गायब है। वर्तमान मे अपने तो बहुत है मगर अपनापन गायब है। आज कल मुस्कराहट भी नकली हो गई है।हमे ना सिर्फ चेहरेपर मुस्कराहट नही अंतर मे भी प्रेम भाव रखने चाहिए तभी जीवन का माहोल भी खुशीओ से भरा भरा रहेगा।

                         मानव भगवान को मंदिर और किताबो मे ढूंढता है मगर भगवान तो स्वयं के हृदय मे विराजमान है।इसलिए जीवन मे सर्व प्रथम स्वयं को जानना होगा तभी जीवन मे सुखी हो सकते है। हम जीवन मे मुस्कराहट के साथ व्यवहार करेंगे तो सभी कार्य अच्छी तरह से पूर्ण होंगे।

              प पू महिमा श्री जी ने अपने उदबोधन मे कहा की धन कमाना संसार परिवार चलाने के लिए आवश्यक है। मगर अपने जीवन का उत्थान करने के लिए धर्म आवश्यक है। धन तो अपनी पुण्य वाणी से आता है और कर्मो के का,ण चला भी जाता है । कहते है धर्म एल आय सी के समान जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।हम आप को धर्म आराधनाए करवाते है वो जीवन बीमा है।जबतक आप मे श्वास है तभी सब आप के साथ है बाद मे तो धर्म ही आपका सच्चा साथ देगा। शास्त्रो मे कहा गया है की जो अशुभ है वो पाप है और जो शुभ है वो पुण्य है।पाप मानव को दुर्गति और पतन की ओर ले जाता है पुण्य उत्थान की ओर ले जाता है।

संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार मुथा ने धर्म सभा का संचालन करते हुए कहा की गुरू गणेश पुष्कर दरबार मे जिनवाणी की गंगा प्रवाहित हो रही है आप सभी सभी से निवेदन है की समयपर पधारकर दर्शन वंदन प्रवचन का लाभ लेवे जापकक्ष मे चातुर्मास प्रारंभ से ही महामंत्र णमोकार का जाप चल रहा है।आज का जाप संघ के स्वागत अध्यक्ष सुरेश ताराबाई यशकुमार कीमती परिवार की ओर से किया गया।आज सिध्दीतप क एकासन करवाने का लाभ भी कीमती परिवार ने लिया।

श्रमणसंघीय उपाध्याय प्रवर राष्ट्र संत अध्यात्म योगी शिखरपुरूष प पू श्री पुष्कर मुनी म सा की आज्ञानुवर्तनी राजस्थान सिंहनी उप प्रवर्तनी महा साध्वी प पू श्री चरित्र प्रभा जी की सुशिष्याए साध्वी रत्ना स्पष्ट वक्ता मधुर कंठी प्रवचन प्रभाविका प पू श्री आभाश्री जी म सा ओजस्वी वक्ता प पू डाॅ श्री महिमा श्री जी म सा एवम प पू डाॅ श्रेयांशी जी म सा की गुरू गणेश पुष्कर दरबार रामकोट मे जिनवाणी की गंगा प्रवाहित हो रही है।

                           रतनचंद कटारिया प्रकाश गादिया की संयुक्त विज्ञप्ति अनुसार आज की धर्म सभा मे साध्वीवृंद के मुखारविंद से मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया।साध्वी रत्ना प पू श्री आभाश्री जी ने श्रावक के 21 गुणो का विश्लेषण करते हुए तिसरा गुण “सौम्यता “के बारे मे कहा।मनुष्य के चेहरे पर स्वभाव मे और वाणी मे सौम्यता आवश्यक है।श्रावक जब धर्म स्थान मे आता है तो गुरू से आदर भाव से बात करता है मगर जीवन मे घर परिवार मे अपने नौकरी के साथ मधुर व्यवहार नही करता।अगर हम सभी के साथ आदर से व्यवहार करें गए तो हमे भी हर व्यक्ती सम्मान देगा।वर्तमान मे मानव मोबाइल तो महंगा से महंगा खरीदता है मगर चेहरे स्माइल नही है।

कल रविवार 16जुलाई का णमोकार जाप एवम् सिध्दीतप एकासन करवाने का लाभ श्री अमरचंद हितेश कल्पेश कोटेचा परिवार ने लिया है। सभी धर्म प्रेमी भाई बहनो से निवेदन है की समयपर पधारकर लाभ लेवे।
अध्यक्ष किशोर कुमार मुथा जैन।
महामंत्री जे पारसमल कटारिया जैन।

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