अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई की आयोजना में कन्या मंडल के द्वारा तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में दादी-पोती का शानदार सेमिनार आयोजित किया गया। प्रथम बार ऐसा कार्यक्रम कन्याओं के द्वारा किया गया। दादी पोती की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा सतगुणित हो गयी।
सेमिनार की शुरूआत सामूहिक नमस्कार महामंत्र के द्वारा हुई। तिलक लगाकर अनोखे अंदाज में सभी का भावभरा स्वागत किया कन्या मंडल संयोजिका सुश्री भवि बाफना एवं अक्षी बोहरा ने।
कन्या मंडल से सुश्री भवि बाफना, अक्षी, निवृत्ति, खुशी, योगिता ने मंगल संगान किया। तत्पश्चात प्रभु पार्श्वनाथ जयंती के अवसर पर पार्श्वनाथ भगवान की स्तुति का संगान कन्या मंडल के द्वारा किया गया। तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई की अध्यक्षा पुष्पा हिरण ने सभी का स्वागत करते हुए अपने अनोखे अंदाज में दादी-पोती एवं नानी-दोहित्री के नवीन एवं पुरातन विचारों पर अपनी सुंदर भावों की प्रस्तुति देते हुए कहा कि पुराने समय में जहां संयुक्त परिवार का प्रचलन अधिक था, उस समय बच्चों को संस्कार स्वत: पारिवारिक जनों से प्राप्त हो जाते थे। दादी के साथ रहने का ज्यादा समय मिल जाता था। दादी भी अपने पौतीयों पर ज्यादा ध्यान देती थी। क्योंकि उनको पता है पोतिया दो घर को रोशन करने वाली है। बचपन से ही उन्हें स्वावलंबन बनाया जाता था। चरित्र आत्माओं के दर्शन करने जाना, घर के कार्य में हाथ बटाना, बड़ों का आदर करना। यह बातें उन्हें जीवन घुट्टी के रूप में दादी के द्वारा प्राप्त होती थी। लेकिन आज समय बदल चुका है। दादी पोती के रिश्ते में गेप आ चुका हैं। अगर आज के युग में पुराने समय की तरह दादी अपने पोती को संस्कार देती रहे और पोती भी विनम्रता के साथ प्राप्त करती रहे तो दादी पोती की जोड़ी आदर्श रूप में परिवार में अपना स्थान बना लेगी। कार्यक्रम में उपस्थित सभी दादी पोती का शानदार स्वागत किया गया
कन्या मंडल की कन्याओं ने ‘मेरी दादी मेरी सहेली’ नाटिका का सुंदर मंचन कर सबको आह्लादित कर दिया। इस सेमिनार को दो राउंड में विभाजित करते हुए गेम के माध्यम से दादी अपनी पोती के भावी जीवन सुखमय कैसे बने और आज के युग में जिन संस्कारों की जरूरत है, उस पर प्रकाश डालते हुए सभी दादी ने अपने विचार व्यक्त किए और पोतीयो ने भी अपने दादी के भावी जीवन की मंगल कामना करते हुए दादी की सीख को शिरोधार्य किया। दादी पोती की बेस्ट जोड़ी का खिताब प्राप्त करने वाली जोड़ी श्रीमति पिस्तादेवी आच्छा एवं सुश्री हिमानी आच्छा और स्पेशल जोड़ी ममता बुरट-मेहक बुरट रहे।
कार्यक्रम में गेम के तीन विजेता रहे। निर्णायक पुष्पा हिरण एवं रीमा सिंघवी ने पिस्तादेवी-हिमानी आच्छा को प्रथम, सुरजदेवी, लक्षिता बोहरा को द्वितीय और प्रेमाबाई-दीक्षा कोठारी एवं कोशल्यादेवी-किर्ती सेठिया को सयुक्त रुप से तृतीय स्थान पर घोषित किया। महिला मंडल द्वारा सभी विजेताओं का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन कन्या मंडल प्रभारी प्रीति डूंगरवाल सह प्रभारी वंदना पगारिया कन्या मंडल संयोजिका भवि बाफना एवं इस कार्यक्रम की संयोजिका अक्षी बोहरा ने किया। मंत्री रीमा सिंघवी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी कार्यकर्ताओं एवं दादी पोती की जोड़ियों का आभार व्यक्त किया एवं अपने भाव व्यक्त करते हुए सारांश के रूप में कहा कि दादी पोती के रिश्ते में जो प्यार होता है, वह निस्वार्थ होता है। उसकी तुलना किसी के साथ नहीं कर सकते। दादी पोती पर प्यार लुटाएं और पोती दादी का आदर करें तो घर परिवार स्वर्ग बन जाता है।
कार्यक्रम में कन्या मंडल से तेजल, कीर्ति, चेष्टा, प्रेक्षा, श्रुति का सराहनीय सहयोग रहा। महिला मंडल से अध्यक्ष पुष्पा हिरण, मंत्री रीमा सिंघवी, सहमंत्री प्रथम कंचन भंडारी, सहमंत्री द्वितीय लता पारख, कार्यसमिति सदस्य उषा धोखा, सूरज बोथरा, लाडदेवी चौरड़िया की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में कन्या मंडल की कन्याओं का एवं भवन के कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई