चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी नेहाश्री ने कहा परिवार के मुखिया को आदर्श जीवन जीना चाहिए। दोष देखने के लिए आंखें छोटी रखनी व गणेशजी की तरह अपने कान बड़े रखने चाहिए। किसी की सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
जब तक स्वयं के प्रयास से निष्कर्ष नहीं निकले किसी की बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए। एक बात ज्यादा लोगों से बोलने पर बात का बतंगड़ बन जाता है।
जैसे गणेशजी का पेट मोटा होता है उसी प्रकार मोटा पेट रखना यानी विशाल हृदयी होना है। गम खाने से जीवन का आदर्श बढ़ता है। व्यक्ति को अपने परिवार की इज्जत घर और उसके बाहर दोनों जगह बनाकर रखनी चाहिए।