नागदा (निप्र)– जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में विराजीत महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ठाणा 6 ने दोनो मुमुक्षु दिक्षार्थी श्री प्राशुक कांठेड़ एवं श्री अचल जी श्री श्रीमाल को सांसारीक वैभव को त्याग कर संयम के मार्ग पर अग्रसर होने के उपलक्ष्य में दोनो को आशीर्वाद प्रदान कर कहा कि आप दोनो जीन शासन की शान बनकर सम्पूर्ण भारत में भगवान महावीर की संतान वंशज बनकर जियो और जीने दो के पथ पर अग्रसर होना।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि दोनो दीक्षार्थीयों की अगवानी विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, हिन्दु जागरण मंच के पं्रातीय संयोजक भेरूलाल टांक, स्थानकवासी जैन संघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष हेमन्त कांकरिया, दिगम्बर समाज अध्यक्ष सुनील जैन, चातुर्मास समिति अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला, पूर्व पार्षद आशीष वोरा के द्वारा की गई। सकल जैन श्रीसंघ की ओर से माला एवं शॉल से दीक्षार्थी भाई प्राशुक कांठेड़ एवं अचलजी श्री श्रीमाल, माता पिता पुष्पाजी राकेशजी कांठेड, दादीजी चन्द्रकांताजी कांठेड एवं दीक्षार्थी अंचलजी श्री श्रीमाल के माता पिता रानी मुकेशजी श्री श्रीमाल एवं दादा दादी भक्तादेवी प्रेमचन्दजी श्री श्रीमाल का बहुमान सकल जैन श्रीसंघ द्वारा किया गया एवं दोनो दीक्षार्थियों का बहुमान भी शाल एवं माला से विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने किया।
इस शुभ अवसर पर पूर्व पार्षद साधना जैन, अनिल पावेचा, रानी श्री श्रीमाल, राकेशजी कांठेड, सुरेन्द्र पितलीया, सोहनबहन गादीया ने अपने विचार व्यक्त किये। सम्मान पत्र का वाचन विजय पितलीया ने किया । यहां से वरघोड़ा बग्गी का त्याग कर पैदल चल समारोह निकाला गया जो जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन से प्रमुख मार्गो पर करीब एक सौ उपर जैन धर्मालम्बियों ने बहुमान किया गया। इस चल समारोह का समापन समाज के प्रतिष्ठित समाजसेवी नरेन्द्रकुमारजी कालुरामजी चपलोत के निवास स्थान पर सभी को धार्मिक प्रभावना वितरीत की गई।
यहां इस बात का उल्लेख आवश्यक है कि एक दीक्षार्थी श्री अचल जी श्री श्रीमाल नागदा जं. निवासी शकुंतला नरेन्द्र जी चपलोद के नातीन एवं रीना रीतेश चपलोद के भानेज है एवं जैन समाज के प्रतिष्ठीत श्री हुकमचन्दजी चपलोद एवं सन्तोष चपलोद परिवार से है। स्थानक, मूर्तिपूजक, दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष, पदाधिकारी, महिला मण्डल, बहुमण्डल ने भी सम्मान किया।
इस मौके पर दीक्षार्थीयों ने अपने उद्बोधन में कहा कि धर्म के लिये कोई उम्र नहीं होती जब भी कर्मो को हल्का करना हो जीवन पानी का एक बुलबुला है। एक दीक्षार्थी प्राशुक कांठेड़ अमेरीका से एक बहुत बड़ा पेकेज का त्याग कर इस मार्ग को चुना। संचालन राजेन्द्र कांठेड ने किया एवं आभार संघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने माना।
दिनांक 07/10/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला