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दुनिया में माता-पिता एवं गुरु से बड़ी कोई शक्ति नहीं : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.

दुनिया में माता-पिता एवं गुरु से बड़ी कोई शक्ति नहीं : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.
सेवाभावी कार्यकर्ताओं का किया संतश्री ने सम्मान 

मंत्र शक्ति व भक्ति ने सकारात्मक एवं धनात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण किया श्रीजी वाटिका पंडाल 

इंदौर। विश्वविख्यात कृष्णगिरी तीर्थ धाम शक्तिपीठाधीपति राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.की पावन निश्रा में यहां फूटी कोठी स्थित श्रीजी वाटिका में श्री नवरात्रि दिव्य आराधना भक्ति महामहोत्सव के दसवें दिन मंगलवार को श्री अष्टोत्तरी शांतिस्नात्र महापूजन किया गया। उल्लेखनीय है कि अष्टोत्तरी महापूजा घर, परिवार, समाज एवं विश्व शांति के लिए जिन शासन की सबसे बड़ी पूजा मानी जाती है।
विधि कारक रत्नेश भाई मेहता द्वारा संपन्न कराई गई इस पूजा में रितेश नाहर परिवार वाले लाभार्थी रहे। इससे पूर्व संतश्री ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि परमात्मा की भक्ति में मंत्र को मन में वाचन करने, पाठ को पढ़ने तथा स्तोत्र को गाने का विधान बताया गया है।
घर-घर में अशांति के कारणों का उल्लेख करते हुए संतश्री ने कहा कि तन-मन में सदैव अमृत समान, शुभ-शुद्ध भाव रखने की सीख दी। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में माता-पिता व गुरु से बड़ी कोई शक्ति नहीं है, इनका नित्य भावपूर्ण वंदन व्यक्ति को समस्त बाधाओं से मुक्त रख सकता है।
सांसारिक व्यक्ति यदि श्रद्धा, समर्पण, सेवा भाव से यदि इनकी भक्ति में कमी रखता है तो श्रावक दोष का भागी बनता है। उन्होंने कहा, संत तो हमेशा आशीर्वाद ही देते हैं शिष्य के भाव शुद्ध एवं सात्विक होने जरूरी है। इस अवसर पर अनेक संगीतमयी भजनों के माध्यम से उन्होंने भक्ति कराई, दिव्य मांगलिक आशीर्वाद भी प्रदान किया।
कार्यक्रम में मां पद्मावती की आरती का लाभ चेन्नई के नरेश नीलेश शाह एवं भरत गोलेछा परिवार ने लिया। जबकि गुरु पूजन सतीश जैन परिवार ने किया। कोटा के टीवी नृत्यकार मोहन भाई ने अनेक हैरतअंगेज प्रस्तुतियों से रोमांचित किया। आयोजन में सेवाएं देने वाले सैकड़ों कार्यकर्ताओं का डॉ वसंतविजयजी ने अपने कर कमलों से सम्मान भी किया।
साथ ही लाभार्थी परिवारों का भी बहुमान किया गया। आयोजन स्थल पर शहर के मशहूर वास्तु सलाहकार डॉ तुषार खंडेलवाल ने भ्रमण किया एवं बताया कि प्रकृति में ऊर्जा का चमत्कार तो हम देखते ही हैं, मगर राष्ट्रसंतश्रीजी के निर्देशन में मंत्र शक्ति व दिव्य आराधना भक्ति का अत्यंत प्रभाव श्रीजी वाटिका के पंडाल में अनुभव किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अत्यंत शक्तिशाली माने जाने वाले लाल रंग की कुमकुम का लगातार 24 घंटे के विप्र पंडितों द्वारा महालक्ष्मी मंत्र के सामूहिक जाप के साथ दिव्य कलश एवं दक्षिणावर्ती शंख पर अर्चन कर सिद्ध अभिमंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने अपने वैज्ञानिक उपकरणों में एंटीना व  यूनिवर्सल स्कैनर से जब यहां की ऊर्जा को जांचा तो धनात्मक प्रभाव की क्षमता 400 फीट बाहर तक तरंगित आंकी गई। बकौल डॉ खंडेलवाल पंडाल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा के साथ बगैर थके ही घंटों तक बैठे रहने की क्षमता विकसित व बलवती थी।
बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों व श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।सभी का स्वागत एवं आभार महामहोत्सव के अध्यक्ष अभय बागरेचा ने जताया।

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