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दुनिया का हर कार्य अपने आप में श्रेष्ठ होता है: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

दुनिया का हर कार्य अपने आप में श्रेष्ठ होता है: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान है। वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैं।

बंधुओं जैसे कि सुखी जीवन के पांच मंत्र आखिर इंसान को अपने हर नए दिन की शुरुआत किसी कार्य से ही करता है क्या हम यह देखने और सोने का कष्ट करें कि वह कार्य और कैसा है। हमारे उसे कार्य की शुरुआत इस पूर्ति हृदय के साथ हो रही है या अभिमान के साथ हम विश्वास और निष्ठा के साथ कार्य के प्रति मुक्त हो रहे हैं।

परमात्मा और असफल भावना के साथ वह व्यक्ति अपने किसी भी कार्य को व्यर्थ ना समझे दुनिया का हर कार्य अपने आप में श्रेष्ठ होता हैl महत्व इसी बात का है कि हम उसे कि होश आवाज के साथ शुरू और पूरा करें।  सैलाब कई व्यक्ति की एक छोटी सी कल्पना किसी नए अविष्कार का सूत्रधार बन जाया करती है। उसका छोटा सा नजर आने वाला चिंतन उसके घर परिवार की दिशा बदल देता है।

उसका कोई एक छोटा सा प्रत्यय इतिहास की अमर कृति बन जाया करता है और उसकी रचनात्मकता जीवन धरती को स्वर्ग जैसा स्वरूप प्रदान करने का आधार भूमिका हो जाया करती है। इस स्थिति को समझने के बाद भी क्या हम अपने छोटे से चिंतन कार्यकाललाभ और अपने रोजमर्रा जिंदगी इसके प्रति सज्जन नहीं होंगे। याद रखो बादलों से बरसाने वाली बूंदे भले ही छोटी सी नजर आए किंतु यह छोटी नजर आने वाली बंदे ही बहुदवाद का रूप ले लिया करती है। आखिर दुनिया की कोई कितनी भी बड़ी नदी क्यों ना हो अपने उद्गम स्थल पर तो पानी की एक पतली धार भर होती है।

जी एक पेड़ से लाखों तिलिया बनती हैं अगर उनमें से कोई एक के लिए आग पकड़ ले तो वह आज का इतना विराट रूप ले सकती हैं। लाखों पेड़ क्या कोई बीते कल को यह विश्वास करता था किसी अंगों से में रहने वाले गांधी की अहिंसा भारत जैसे किसी विशाल राष्ट्र को आजाद करने में कोई आम भूमिका निभा सकती है लेकिन दृढ़ आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति अनंत राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित करती है।

क्या आप इन सब बातों को अपने आप में जलाने का वह अकेले समर्थ हो जाती है। स्वस्थ और सुंदर जीवन का स्वामी होने के लिए मैं इस बात पर गौर करना चाहिए कि हम हर नए दिन का श्री गणेश किस रूप में करते हैं। हालांकि करने में यह बात बहुत सी छोटी है आप सभी अपनी नींद की उल्टी अपने आप क्या सोचते हैं और क्या देखते हैं। अगर अच्छा सोचते हैं तो अच्छा होता है उदास भरे उठकर सोचते हैं तो उदासी होती है। अगर ऐसा मन कर चले तो आपका पूरा दिन स्वस्थ और निराशा से भरा होगा और आंख खुलते ही आप अपने आप में विश्वास रखें प्रसन्नता का संचार करें तो आपका दिन पूरा अच्छा जाएगा यही जीवन है।

जय जिनेंद्र जय महावीर कांता सिसोदिया भाईंदर🪷🪷🪷

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