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दुख का मूल कारण मिथ्यात्व परिग्रह है: साध्वी सिद्धिसुधा

दुख का मूल कारण मिथ्यात्व परिग्रह है: साध्वी सिद्धिसुधा

विचारो का आदान प्रदान सोच समझ कर करे  

चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में नवग्रह शांति जाप के तहत गुरुवार को गुरु जाप हुआ।  साध्वी सुविधि ने कहा कि दुख का मूल कारण मिथ्यात्व परिग्रह है।
मनुष्य परिग्रह की वजह से बंधन में फसा है। गलत धारणा मन में रख कर किसी के साथ गलत करना या किसी को नीचा दिखाना बहुत बड़ा पाप है। ऎसा कर मनुष्य जीवन को नर्को में पहुचाने का कार्य करता है। 
सूत्रकूताज्ञ  के माध्यम से कहा अन्धकार अज्ञानवश गलत कार्य नही करने, बल्कि गहराई से चिंतन कर अच्छा कार्य करना, विचारों का आदान प्रदान सोच समझ कर करे आगम का अध्यन जीवन मे परिवर्तन लाता है। 
 
साध्वी समिति ने कहा मर्यादित धर्म का पालन करने वाली सोलह सतियों के जीवन चारित्र से हम जितना सीखेंगे उतना हमारा जीवन सुखद होगा। साहस ,धर्म समर्पण ,चूनोतियो का मुकाबला आदी उनको गुणों को खुद के जीवन मे उतारे और दूसरो को भी यही सलाह दे।
ऐसा कर खुद के साथ दूसरो को भी बदला जा सकता है। जीवन के दुख से निकलना है तो संसार को त्याग कर संयम के मार्ग पर बढ़ जावो। संयम के मार्ग पर थोड़ा कष्ट तो होगा लेकिन विफलता नहीं मिलेगी। जो इन मार्गो पर बढ़ेंगे उनका कल्याण हो जाएगा।
श्रीपाल चारित्र का वाचन शुक्रवार से ,एवम आयबिल ओली शनिवार से शुरू होगी, धर्म सभा मे प्रेम छलाणी  उतम नाहार , पृथ्वीराज नाहार,समेत अन्य लोग  उपस्थित थे

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