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दीपावली व सूर्य ग्रहण पर करें विशेष साधना: डा.वरुण मुनि

दीपावली व सूर्य ग्रहण पर करें विशेष साधना: डा.वरुण मुनि

चेन्नई. दीपावली के दिन लाखों करोड़ों दीप जलाए जाते हैं। जरा आंख बंद करके देखना- भीतर कहीं उजाला नजर आता है ? भीतर के अंधकार को दूर करने के लिए आएं, मन के आंगण ज्ञान का दीप जलाएं। यह विचार ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि ने जैन भवन, साहुकारपेट में धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालु भाई- बहनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा दिवाली के दिनों में लोग अपने- अपने घरों व दुकानों की महीनों पहले ही सफाई, लिपाई-पुताई शुरू कर देते हैं। आपने तन की सफाई की, धन की धुलाई की पर क्या मन की सफाई और धुलाई भी की

धनत्रयोदशी, रूप चतुर्दशी और दिवाली ये तीन दिन विशेष साधना व आराधना के हैं। इन दिनों में अपना आहार, आचार-विचार, व्यवहार शुद्ध रखें। शराब व जुए जैसे व्यसन से बचें। कुछ लोगों की धारणा बन चुकी है कि- दिवाली के दिन शराब पीना व जुआ खेलना। लेकिन जो लोग ऐसे कुव्यसनों का सेवन करते हैं उनके जीवन में दिवाली के स्थान पर दिवाला हो जाता है।

गुरुदेव ने कहा इस बार दिवाली से अगले दिन सूर्य ग्रहण भी आ रहा है। सूर्य ग्रहण के समय में स्वस्थ व्यक्तियों को भोजन, भोग व शयन आदि नहीं करना चाहिए। बच्चे, वृद्ध व का रोगी के लिए भोजन-शयन निषेध नहीं है। गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण के समय में मंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। आप जिस भी भगवान, गुरुदेव अथवा ईष्ट को मानते हैं, उनका बड़ी श्रद्धा से जाप करना चाहिए। विशेष बात यह है कि – एक साथ अनेक मंत्रों का जप नहीं करना चाहिए। प्रसिद्ध कहावत है कि एक साधे, सब सधै। सब साधे, सब जाए।

अत: अपने पूरे मनोयोग से किसी भी एक ही मंत्र का भक्ति-भाव से, शुद्धि पूर्वक जप करें तो मंत्र शीघ्र ही सिद्ध होता है। श्री संघ के मंत्री शांति लाल लूंकड़ ने बताया- 22 23-24 अक्टूबर के अ_म तप के लिए गुरुदेव ने विशेष आह्वान किया है। जो भी भाई बहन तीन दिन का उपवास करेंगे उन्हें गुरुदेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। उप प्रवर्तक पंकज मुनि के मंगलपाठ द्वारा धर्म सभा का समापन हुआ।

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