श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ- तमिलनाडु के तत्वावधान में सुश्री दीक्षार्थी बहन योगिताजी सुराणा का अभिनन्दन समारोह स्वाध्याय भवन में सम्पन्न |
दिनांक : 22 दिसम्बर 2023, शुक्रवार को सुश्री दीक्षार्थी बहन योगिताजी सुराणा का अभिनन्दन समारोह स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट,चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ- तमिलनाडु के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ | संघाध्यक्ष वीरपिता प्रेमकुमार कवाड ने दीक्षार्थी बहन के प्रति मंगल भावना करते हुए स्वागत भाषण दिया | वीर परिवार से शशि कांकरिया,स्वाध्यायी सोनल सुराणा,निशा सिसोदिया ने संयम चालीसा की स्तुति की |
अभिनन्दन समारोह का संचालन करते हुए श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने सभा में उपस्थित चेन्नई के दीक्षित वीर परिवारों,राष्ट्रीय संघ,शासन सेवा समिति,स्थानीय संघ की सहयोगी संस्थाओं श्राविका मण्डल,युवक परिषद, स्वाध्याय संघ के प्रति साधुवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि योगिता सुराणा के संग खुशी चोपडा, रिद्धि बाफना,नेहा जैन की भागवती दीक्षा आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा के मुखारविन्द व आज्ञा से 16 जनवरी 2024 को सम्पन्न होगी | कार्याध्यक्ष ने आचार्य भगवन्त श्री हीराचंद्रजी म.सा के मुखारविन्द से वर्तमान में दो वर्षों में सम्पन्न हुई भागवती दीक्षाओं का विस्तृत चित्रण अभिनन्दन समारोह में रखते हुए दीक्षार्थी बहन के संयममय जीवन के लिए श्रावक संघ,तमिलनाडु की ओर से शुभकामनाएं रखी |
स्वाध्यायी शकुन्तला संकलेचा, शासन सेवा समिति के सदस्य गौतमराज सुराणा संघ के पूर्व मन्त्री जवाहरलाल कर्णावट,वीरमाता ताराबाई बागमार,श्राविका मण्डल सचिव शोभा चोरडिया ने संयम की विस्तृत परिभाषा सुन्दर शैली में करते हुए दीक्षार्थी बहन के प्रति मंगल भावनाएं की | संघ के पूर्व मन्त्री ज्ञानचंद बागमार ने संयम का विस्तृत विश्लेषण के संग दीक्षार्थी बहन योगिता सुराणा का गुणानुवाद करते हुए उनका जीवन परिचय प्रस्तुत किया |
दीक्षार्थी परिवार के वीर दादा इन्दरचंद सुराणा, वीर चाचा मनोज सुराणा भ्राता जतिन सुराणा वीरमाता सपना सुराणा व दीक्षार्थी योगिता सुराणा का माल्यार्पण व शाल्यार्पण द्वारा अम्बालाल कर्णावट, सम्पतराज भण्डारी, भवरलाल लोढा,पी एम चोरडिया, के.प्रकाशचंद ओस्तवाल, मदनलाल बोहरा,प्रमिला दुगड,सुशीला भण्डारी, जयंति बागमार,गंगादेवी कर्णावट व खोल भराई द्वारा चेन्नई के दीक्षित वीर परिवारों से श्राविकाओं ने किया |
दीक्षार्थी बहन योगिता सुराणा ने अपने सारगर्भित उदबोधन में दीक्षा क्या,क्यों ? संयम शब्द के अर्थ का विश्लेषण करते हुए कहा कि संयम एक युद्ध अपने ही विरुद्ध | आगम वर्णित गाथा का उल्लेख करते हुए कहा कि इच्छाओं का कोई अंत नहीं, इच्छा आकाश सम अनंत हैं,अपने स्वयं पर संयम ही शांति व मोक्ष का एकमात्र उपाय हैं | दीक्षार्थी बहन ने तप-प्रत्याख्यान कराते हुए मंगल पाठ सुनाया |
अभिनन्दन समारोह में उम्मेदराज गौतमचंद ललित भरत जे राजेन्द्र बागमार गणपतराज विशाल बाफना, विमलचंद दिनेश पदमचंद अशोक सुराणा,दुलीचन्द नयन नाहर,बुधमल राजेश विमल पवन अशोक जीतेन्द्र बोहरा, गौतमचन्द रंजीत मुणोत,गौतम अशोक लोढा, महावीरचन्द शिखर चंद छाजेड,ज्ञानचंद प्रसन्नचंद प्रकाशचंद संदीप सुनील ओस्तवाल,सुनील सांखला, कमल वीरेन्द्र पीयूष अंकेश ओस्तवाल,रविंद्रकुमार कवाड विनोद जैन, वीरेन्द्र निखिल कांकरिया महावीर देवेन्द्र कर्णावट, दीपक योगेश श्रीश्रीमाल कांतिलाल तातेड़, चम्पालाल गौतमचंद बोथरा पारस खींवसरा नितेश कटारिया नवरतनमल विकास चोरडिया रमेश ललवाणी दिलीप राजेश बाफना सुरेश नरेन्द्र कोठारी सहित आवडी, पून्नमली,नंगनल्लूर,शेनाय नगर, अमजीकरे, किलपाक, वेपेरी, चूले, कुरुकपेट, अयनावरम, एम सी रोड, कौंडीतोप आदि अनेक क्षेत्रों से श्रावक -श्राविकाओं की सामायिक परिवेश में उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | भोजनशाला का कार्यभार संयोजक श्री हंसराज बागमार ने संभाला|
तीर्थंकर भगवन्तो,आचार्य भगवन्तों उपाध्याय भगवन्त, भावी आचार्यश्री साध्वी प्रमुखा चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग अभिनन्दन कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ |
प्रेषक :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु .