दिवाकर भवन पर चातुर्मास हेतु विराजित जिनशासन चंद्रिका मालवगौरव श्री प्रियदर्शना जी महाराज साहब तत्व चिंतिका पुज्य श्री कल्पदर्शना जी महाराज साहब के पावन सानिध्य में दिवाकर जयंती सप्ताह दिनांक 2 नवंबर से 9 नवंबर तक मनाया जा रहा है। जिसमें आज 6 नवंबर रविवार को जग में गूंजे जैन दिवाकर नभ मे गूंजे जैन दिवाकर नारों के साथ प्रातः 8:00 बजे दिवाकर भवन से चल समारोह प्रारंभ हुआ जो शहर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ दिवाकर भवन पर धर्म सभा के रूप में परिवर्तित हुआ धर्म सभा को संबोधित करते हुए महासती जी ने फरमाया कि जैन दिवाकर चोथमलजी महाराज साहब वाणी के जादूगर थे आपकी वाणी में वचन सिद्धि थी आपके दर्शन मात्र से दुख दर्द स्वत: ही समाप्त हो जाते थे।
आप श्रमण संघ की एकता के अग्रदूत थे आपने आजीवन बिना किसी पद लालसा के संघ को एकता के सूत्र में पिरोए रखा ऐसे महान गुरुदेव की 145 वी जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य हमे प्राप्त हुआ है। सफलतम चातुर्मास सम्पूर्ण होने पर महासती मण्डल द्धारा श्रीसंघ को बधाई दी। उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री संघ अध्यक्ष इंदरमल दुकड़िया एवं कार्यवाहक अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीमाल ने बताया कि तेरस जाप के लाभार्थी श्रीमान सुजानमल शोभागमल औरा मामटखेड़ा वाला परिवार ने प्राप्त किया। जैन दिवाकर बालिका मंडल द्वारा गुरुदेव की जीवनी पर आधारित नाटिका का बहुत ही सुंदर मंचन किया गया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा सोमवारिया स्थित सागर साधना भवन पर गौतम प्रसादी का आयोजन रखा गया सभी कार्यक्रमों में समाज जनों ने उत्साह के साथ बढ़ चढ़कर भाग लिया।
प्रतिदिन दर्शन पाठशाला में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार श्रीमान सतीशचंद्र अंकुर निमीश जैन द्वारा प्रदान किए गए। दिनांक 7 नवंबर को सजोड़े लोगस्स जाप के साथ उपवास दिवस के रूप में मनाया जाएगा एवं दिनांक 8 नवंबर को लोकाशाह जयंती मनाई जाएगी। दोनो दिन चांदी की अंगुठी शांतिलाल निरंजन राका द्धारा खोले जाएगे। उसी के साथ चातुर्मास समाप्ति पर पूज्य महासती जी का मंगलमय विहार पहाड़िया रोड स्थित कांतिलाल जी खारीवाल के निवास पर होगा। धर्मसभा का संचालन महामंत्री महावीर छाजेड़ ने किया आभार उपाध्यक्ष विनोद ओस्तवाल ने माना।