नागदा (निप्र)– महावीर भवन में धर्मसभा में पूज्य श्री दिव्यज्योतिश्रीजी म.सा. ने कहा कि दानो में दान अभय दान जीवनदान सबसे सर्वश्रेष्ठ होता है। क्योंकि आपका अगला जन्म कैसा होगा । कर्मो का फल जैसा होगा । भगवान महावीर के अनुसार सम्पूर्ण संसार में चौरासी लाख जीवा यौनीयां होती है। सभी जीना चाहते है। कोई भी मरना नहीं चाहता है। यहां तक कि हम पेड़, पौधो, फुलों, पत्तियों में भी आत्मा का वास मानते है तभी हम कहते है कि आत्मा ही परमात्मा है।
हम अपने जीवन काल में अहिंसा परमोधर्म को स्वीकार करते हुए किसी भी जीवन को हिंसा से बचाते है। यही जीवन का सबसे बड़ा अभयदान जीवनदान होता है। महासति काव्याश्रीजी एवं महासति नाव्याश्रीजी ने सामुहिक स्तवन से सभी का मन मोह लिया।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ व नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तपस्वी महासति पूज्य सौम्याश्रीजी म.सा. के 23 उपवास की तपस्या चल रही है। 7 उपवास की तपस्या श्रीमती इन्दुबाला सुनिलजी लोढ़ा तेले की लड़ी सुरेन्द्र पितलीया के चल रही है। पूना महाराष्ट्र निवासी डॉ. सिद्धार्थ मेहता एवं डॉ. पायल मेहता का शॉल एवं माला से सम्मान श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास समिति अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला एवं वरिष्ठ श्रावक अशोकजी कोलन ने किया।
जाप की प्रभावना का लाभ मानुबहन(प्रमोद जी सकलेचा) एवं विजयजी महावीरजी संघवी ने लिया। अतिथि सत्कार का लाभ श्री रमेशचन्द्रजी अखिलेश(आकाश) वौरा मुलथानवालो ने लिया। संचालन राजेन्द्र कांठेड ने किया। 25 सितंबर रविवार को पुच्छीसुनम जाप के बाद धन्ना सेठ शालिभद्र महा सुभद्रा का विशेष नाट्य मंच कार्यक्रम होगा।
दिनांक 24/09/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला