दान देनेसे पुण्य का ख़ज़ाना भर जाता है! दान वसिकरण मंत्र सभी प्राणियोंको मोहित कर लेता है ! – डॉ. राज श्री जी म.सा. आकुर्डी – निगडी- प्राधिकरण जैन श्रावक संघ के प्रांगण मे विराजमान डॉ. राज श्री जी, डॉ. मेघाश्री जी, साध्वी जिनआज्ञा श्री जी ने आज पर्युषण पर्व के द्वितीय पुष्प मे “ दान पुण्य की खाण” इस विषयपर विविध कथा एवं द्रुष्टांत के माध्यमसे सुंदर उद् भोदन करके उपस्थित धर्मप्रेमियोंको दान देनेसे प्रेरित किया! रागसे।
त्याग, त्याग से वितराग का मार्ग भगवंतोने बताया! पुण्य की माता दान है! हर एक ने यथाशक्ति दान देनेका प्रयास करना चाहिये! महासाध्वीयोने दान के 4 प्रकार बताते हुये विश्लेषण किया 1) गिली लकड़ी समान 2)पथ्थर कोयले समान 3) गाँठ- पुठ समान 4) कपूर समान ! आज दोपहर के सत्रमे “ धार्मिक तंबोला ( जैन हौजी) का आयोजन किया गया था! जिसमें 50 बहनोने एवं 21 भाईयोने सहभाग लिया ! 6 विजेता एवं 5 उत्तेजनार्थ पारितोषिक छाजेड भाईपा के औरसे सौ लिली छाजेड, राजेंन्द्र छाजेड, नितीन छाजेड, संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी विश्वस्त पोपटलालजी कर्नावट एवं नेनसुखजी मांडोत के करकमलोद्वारा दिये गये!
सभी उपस्थित महानुभावोका स्वागत सन्मान संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने किया एवं सहभाग के लिए आनंद व्यक्त किया ! वर्तमान विश्वस्त एवं निवर्तमान विश्वस्तोके लगनपुर्वक सहभाग के लिए धन्यवाद दिये!