श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने बताया कि तीर्थंकरों की आंख केवल ज्ञान है तो साधु की आंख आगम है तो हमारी आंख कौन सी संत नगरी पधारते हैं तो वह पवित्र हो जाती है दान पुण्य का अवसर प्राप्त होता है।
प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने श्रावकों के गुणों के बारे में बताते हुए कहा श्रावक पापभीरू होवे। पापों से डरने वाला होवे। जो सदा धर्म कार्यों में लगा रहता है वह सदा निर्भय होकर रहता है मन वचन काया के द्वारा होने वाले पापों से बचना है।अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने कहां की बालक बालिकाओं की क्लास में सभी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।बच्चों का टीनी मिनी शिविर हुवा।
संस्कारों से संस्कारित किया।मंत्री हस्तीमल बाफना ने कहा कि आज रविवार को काफी महिला ने पूरा दिन दया कर महिला दया दिवस को सफल बनाया। मनोहर लुंकड़ अशोक सांखला कांतिलाल सकलेचा ने विचार व्यक्त किए। गौतम प्रसादी रखी गई।महावीर मित्र मंडल ने सराहनीय सेवा दी। संचालन सुधीर सिंघवी ने किया।