वीरपत्ता की पावन भूमि आमेट के जैन स्थानक मे त्याग, तप के साथ मनाई गई मेवाड के महामंत्री श्री शोभाग्य मुनि जी महाराज की चतुर्थ पुण्य स्मृति दिवसl
साध्वी डॉ चन्द्र प्रभा ने कहा सौभाग्यमुनि एक यशस्वी रत्न थे, जिन्होने मेवाड़ की धरा पर जन्म लेकर अपना वह उत्कर्ष साधा कि आज उनसे उनका जन्म स्थल, कुलवंश ही नहीं अपितु जैन व अजैन समाज गौरवान्वित अनुभव करता है। बेड़च नदी के किनारे बसे चित्तौड़ जिले के आकोला गांव में आपका जन्म हुआ। गांधी कुल में माता नाथबाई एवं पिता नाथूलाल आपको पाकर धन्य हो गए। अपनी पूज्या भगिनी उगम कुंवर एवं महान साध्वी रत्न सोहनकुंवर से उत्प्रेरित होकर सौभाग्यमुनि मेवाड़ सम्प्रदाय के आचार्य मेवाड़ भूषण मोतीलालजी म.सा., भारमलजी म.सा.मेवाड़ संघ शिरोमणी पूज्य प्रवर्तक गुरूदेव श्री अम्बालालजी म.सा. के चरणों में विरक्ति रस का अनुपान करने रम गए।
उस वक्त उम्र थी उनकी महज 12 वर्ष। विरक्ति का रस जीवन के रग रग में ऐसा रमा कि परिवार ने विपदाओं के पहाड़ खड़े कर दिये। वैरागी सुजानमल को उठा कर अहमदाबाद ले गए। किन्तु विरक्ति की धारा तो सुजान में ऐसी उमड़ रही थी कि वहां से बिना ही टिकट जैसे – तैसे खेरोदा गुरू चरणों में पहुंच ही गए। मार्ग में पुलिस, टी.टी. ने भी अनेक कष्ट दिए, किन्तु अड़िग वैरागी सुजान नमस्कार जाप कर नई शक्ति पाता रहा और मंजिल पर पहुंच गया। तीन माह पहाड़ी ग्राम रामा में सबसे छुप कर एकान्त रहना पड़ा। अन्ततः सच्चा वैराग्य सार्थक हुआ।
मीडिया प्रभारी प्रकाश चंद्र बडोला व मुकेश Seroya ने बताया कि विक्रमी संवत् 2006 माघ शुक्ला पुर्णिमा को कड़िया ग्राम के निकट विशाल वट वृक्ष के नीचे वैरागी सुजान की दीक्षा सम्पन्न हो गई। पुज्य अम्बेश गुरू ने सुजान को सौभाग्य बना दिया। नवदीक्षित सौभाग्य मुनि ने दीक्षा लेने के एक किले को फतह कर अध्ययन के दुसरे किले पर चढ़ाई कर दी। जैन जैनेतर धर्म ग्रन्थ, दर्शन ग्रन्थ, व्याकरण ग्रन्थ आदि का गम्भीर अध्ययन करने में सलंग्न हो गए। सिन्द्धान्ताचार्य और अनेक हिन्दी, संस्कृत की परिक्षाएं उत्तीर्ण कर एक विद्धान संत के रूप में सौभाग्य मुनि प्रवचन के पाठ पर आए। ओजस्वी तात्विक सम्प्रेरक प्रवचनों का जब प्रवाह चला तो समाज में एक नई लहर उमड़ गई। नवयुवकों में जाग्रति का संचार हुआ।
समाज को सैकड़ों नए कार्यकर्ता दिए। फलस्वरूप सम्पूर्ण मेवाड़ क्षेत्र मुम्बई, सुरत, अहमदाबाद आदि स्थानों पर धर्मसंघ से जुड़ी अनेक संस्थाएं, धर्म स्थानक, सेवा संस्थान, साधना सदन, चिकित्सालय, छात्रावास, शिशु सेवा केन्द्र आदि खड़े हो गए। 20-25 वर्ष के प्रवास में पुज्य गुरूदेव ने अपने गुरूदेव का नाम तो रोशन किया ही मेवाड़ प्रदेश श्रमण संघ और जिन शासन का गौरव भी उच्चतम स्तर तक बढ़ाया हैl
इस सुनहरे अवसर पर साध्वी आनंद प्रभा साध्वी चंदनबाला साध्वी विनित प्रज्ञा ने भी गुरुदेव शोभग्य मुनि की पुण्य स्मृति दिवस पर अपने भाव प्रकट कियाl इस धर्म सभा मे जोधपुर से प्रकाश सिंघवी, हनुमान कोठारी भी इस धर्म सभा मे पधारे श्री संघ ने आप सब का साल माला से स्वागत और सत्कार किया महिला मण्डल ने भी अपने भाव प्रकट कियेl
इस धर्म सभा का संचालन सुरेंद्र सूर्या ने किया ने किया।