दीक्षार्थीं आँचल को सम्प्रेषित की मंगलभावना*
तेरापंथ सभा द्वारा दीक्षार्थी मुमुक्षु आँचल का मंगल भावना समारोह मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी ठाना 3 के सान्निध्य में आयोजित किया गया। भौतिकता के मोह जाल को त्याग कर संयम के पथ पर गतिमान होने जा रही दीक्षार्थी मुमुक्षु आँचल के प्रति समस्त तेरापंथ समाज द्वारा मंगल भावनाएँ व्यक्त की गई।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री ज्ञानेंद्रकुमार ने कहा की संयम ही दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मार्ग हैं| जो इस संयम मार्ग का अनुसरण कर मुनि जीवन जीते हैं, वे स्वर्ग से भी ज्यादा सुखों का अनुभव करते हैं| भोग के साधन विपुल है और मन की लालसाएँ भी अनंत है, इन लालसाओ में व्यक्ति जीवन रूपी हीरे को गंवा देते हैंं| दीक्षार्थी बहन आँचल ने निर्णय किया है, उसे त्याग एवं आध्यात्मिक जीवन जीना है, त्याग से ही मन को शांति मिलती है।
मैं इसके प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना करता हूँ कि आचार्य श्री महाश्रमणजी के हाथों दीक्षित होकर संयम पथ पर आगे बढ़े, यही शुभ भावना है।
दीक्षार्थी बहिन आँचल ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा मेरी वैराग्य भावना को पुष्ट करने का श्रेय मुनि श्री ज्ञानेंद्रकुमारजी को है| आपने मेरी परीक्षा ली, समीक्षा की| आज मैं परिपक्व होकर जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करने जा रही हूँ| मैं माता पिता परिजन आदि मुनिश्री एवं गुरुदेव के प्रति सदैव कृतज्ञ रहूंगी। इस अवसर पर मुनि श्री विमलेश कुमार जी मुनि श्री विनीत कुमार जी ने अपनी भावनाएं व्यक्त की।
कार्यक्रम का शुभारंभ जय तुलसी संगीत मंडल की बहनों ने मंगलाचरण से किया। अभिनंदन के इस क्रम में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष श्री प्रवीण सुराणा, महिला मंडल अध्यक्षा श्री शांति दूधोडिया, टीपीएफ अध्यक्ष श्री अनिल लुणावत, अणुव्रत समिति मंत्री श्री जितेंद्र समदड़िया व कन्या मण्डल की सामूहिक प्रस्तुति एवं जय तुलसी संगीत मंडल के संयोजक श्री कन्हैयालाल पुंगलिया ने मधुर गीतिका के द्वारा मुमुक्षु आँचल के प्रति आध्यात्मिक मंगल भावनाएं संप्रेषित की।
दीक्षार्थी बहीन मुमुक्षु आंचल का तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिपड एवं सभी संघीय संस्थाओं द्वारा अभिनंदन किया गया| कार्यक्रम का संचालन एवं आभार सभा मंत्री श्री प्रवीण बाबेल ने किया| इस अवसर पर मुमुक्षु आंचल के परिजनों ने भी मंगल भावनाएं व्यक्त की।
*श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चेन्नई*
प्रभारी : प्रचार – प्रसार