9 अगस्त खवासपुरा महापुरुषों के जन्मोत्सव पर श्रध्दांलूओ ने तेला तपकर के दी तपस्या की भेट ! जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष प्रसन्नचन्द कोठारी जे विजयराज कोठारी ने बताया की पूज्य गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज वह लोकमान्य संत रूपचन्द जी महाराज के सप्तदिवसीय जन्मोत्सव आयोजन के अर्तगत सोमवार को प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज युवप्रणेंता महेशमुनि,मुकेश मुनि,हरीश मुनि, सचिन मुनि आदि संतो सानिध्य मे तेला तप की तपस्या करने वाले जैन और जैनेत्तर भाई बहनों का समारोहों मे अभिनन्दन किया गया।
इसदौरान सुकनमुनि महाराज ने तेले करने वाले तपस्वीयो को पच्छखाण और महामंगल पाठ देतें हुये श्रध्दांलूओ से कहांकि तपसे से बड़कर और कौई दुसरी भेंट नही हो सकती ! तपस्या वही कर सकता जिसका मनोबल मजबूत हो तप के द्वारा ही कर्म तो क्षय होते ही है आत्मा अजर अमर बनती है तप एक ऐसा यज्ञ है जिसके करने लब्दियो का उपार्जन होता है मोक्ष के द्वारा खुलते है जो तप की अनुमोदना करता है वह अपने पुण्य का उपार्जन करके जन्म मरण के बंधनो से हमेशा हमेशा के लिये मुक्त हो जाता है ! संसार जितने बड़े युगपुरुष हुये है जिन्होंने तप की साधना करके संसार के प्राणीयों को तिरने की राह बताई !आज दिन सम्पूर्ण देश मे महापुरुषों के जन्मोत्सव पर 2500 से अधिक भक्तजनो ने तेले तप की तपस्या करके गुरूभंवतो को तप की भेंट दी!
बुधवार को धर्मसभा के साथ ही सह जोड़े महामंत्र का जाप तथा गुरूवार ऐतिहासिक जन्मोत्सव समारोहों श्री श्री मरूधर केसरी अमर जैन गौशाला के विशाल प्रांगण मे गुणगान और हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा !
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री.वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा