पर्युषण पर्व के अंतर्गत कांकरिया गेस्ट हाउस, किलपाक में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्यायी बन्धुवर प्राचार्य श्री प्रकाशचंदजी जैन जयपुर ने सम्यग्दर्शन विषय पर विस्तृत उदबोदन देते हुए दर्शन शब्द के विभिन्न अर्थ मान्यता, श्रद्धा, दृष्टि गुरु दर्शन, देखना आदि बताये | सूत्रकृतांग सूत्र के प्रथम अध्ययन की प्रथम गाथा का विवेचन करते हुए कहा कि साधक तुम बोध को प्राप्त करो | वैतालिक छन्द का उल्लेख करते हुए बताया समझो बोध को प्राप्त करो | सम्यकदर्शन आन्तरिक गुण हैं | उतराध्ययन सूत्र के अट्ठाईसवें अध्ययन मोक्ष मार्ग में सम्यकदर्शन पर वर्णित आठ सूत्र निःशंकित, निष्कांक्षित, निर्विचिक्षा, अमूढ़ दृष्टि, उपबृहन,स्थिरीकरण, वात्सल्य और प्रभावना के बारे में विस्तृत विवेचन किया | अंतगढ़ सूत्र के मूल व अर्थ का रोचक वांचन,कर्म प्रकृति,वीर गुण गौरव गाथा का विवेचन युवा स्वाध्यायी रत्न श्री विनोदजी जैन ने किया | उपस्थित श्रदालुओं ने तीर्थंकर चालीसा व संयम चालीसा का सामूहिक पाठ किया | श्राविका मण्डल ने धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन किया |
श्रावक संघ,तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने प्राचार्य प्रकाशचंदजी जैन व विनोदजी जैन के स्वाध्यायमय जीवन का परिचय देते हुए अष्ठ दिवसीय साधना आराधना कार्यक्रम हेतु कांकरिया गेस्ट हाउस प्रदान करने हेतु श्री खेमचंदजी नवरतनमलजी कांकरिया एवं साधना- आराधना में सहयोग देने हेतु हंसराजजी बागमार, संजयजी चोरडिया, पीयूषजी ओस्तवाल, मदनलालजी बोहरा, निखिलजी बागमार संयोजकगण, युवक परिषद, श्राविका मण्डल किलपाक श्रावक संघ व किलपाक युवक संघ सभी के प्रति साधुवाद ज्ञापित किया एवं कांकरिया गेस्ट हाउस किलपाक में सम्पन्न विभिन्न परम्पराओं के आचार्य भगवन्तों के आज्ञानुवर्तिनी महासती मण्डल के ऐतिहासिक चातुर्मास की जानकारी देते हुए श्री नवरतनमलजी कांकरिया, श्री सुगनचंदजी बोथरा व अध्यक्षों के रुप में सेवा देने हेतु साथ में श्री ललितजी बागमार व सभी मंत्रियों के मंत्रित्व काल का उल्लेख करते हुए साधुवाद ज्ञापित किया | धर्म सभा का संचालन युवक परिषद के शाखा प्रमुख श्री संदीपजी ओस्तवाल ने किया |
प्रेषक :- आर नरेन्द्र कांकरिया, कार्याध्यक्ष, श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु स्वाध्याय भवन,24/25 – बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट,चेन्नई 600 001