Share This Post

ज्ञान वाणी

तानो का चरम विकास ही मोक्ष है: साध्वी धर्मलता

तानो का चरम विकास ही मोक्ष है: साध्वी धर्मलता

एसएस जैन संघ ताम्बरम में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा कि जीवन में सम्यक ज्ञान,दर्शन और चरित्र की अराधना करना आवश्यक है। यह त्रय रत्न आत्मा का निज गुण है। मोक्ष का मार्ग है।
तानो का चरम विकास ही मोक्ष है। जैसे यात्रा में पाथेय, पैसा और बिस्तर जरुरी है, एक के बिना भी शांति नहीं रहती। वैसे ही मुक्ति की मुसाफिरी के लिए त्रय रत्न जरुरी है।

जीवन में हाइट, व्हाइट से भी ज्यादा जरूरी है राइट चरित्र। एक्टर हो या डायरेक्टर, कैरेक्टर सही होना चाहिए तो ही कल्याण के सोपान पर आगे बढ़ पाओगे। अधिक सुनकर कम बोलना ही बुद्धिमानी है।

जीवन में भक्ति रूपी तीर्थ हो त्याग रूपी पानी हो सदाचार रूपी स्नान हो तब जीवन चंद्रमा के समान निर्मल, फूल के समान कोमल और सूर्य के समान उज्ज्वल बन सकता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान तेले का महत्व की प्रस्तुति पिंकी डूंगरवाल, कविता गुंदेचा, ज्योति डूंगरवाल, हेमा गुंदेचा, अनिता खिंवसरा व भाग्यश्री बोहरा ने दी।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar